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किसान प्रदर्शन को लेकर ट्विटर पर एक 'ग्लोबल' मुहिम दिख रही है. इसकी शुरुआत 10 करोड़ से ज्यादा ट्विटर फॉलोअर वाली रिहाना के एक ट्वीट से हुई थी, जिसमें उन्होंने किसान प्रदर्शन का समर्थन और इंटरनेट बैन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कहा था. इस ट्वीट के बाद ही कई स्पोर्ट्स-एंटरटेनमेंट-पॉलिटकल सेक्टर के कई देसी-विदेशी सितारों ने अपनी-अपनी बात रखी. खास बात ये है कि ट्विटर के CEO जैक डॉर्सी भी कई ऐसे ट्वीट को लाइक करते देखे गए हैं, जिनमें प्रदर्शन के समर्थन में रिहाना की तारीफ हो रही है. जैक ने एक ऐसे ट्वीट को भी लाइक किया है जिसमें मांग की गई है कि भारत में चल रहे किसान प्रदर्शन के लिए #FarmersProtests की इमोजी लाई जाए.
जैक डॉर्सी की ये एक्टिविटी ऐसे समय में देखी जा रही है जब भारत सरकार और ट्विटर के बीच 'मतभेद' दिख रहा है. 3 फरवरी को ऐसी खबर आई कि भारत सरकार ने ट्विटर को कई अकाउंट्स अनब्लॉक करने को लेकर एक नोटिस भेजा है. दरअसल, 1 फरवरी को किसान एकता मोर्चा, द कारवां, और सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम समेत करीब 250 ट्विटर अकाउंट पर रोक लगा दी गई थी. रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया कि आईटी मिनिस्ट्री ने ये अकाउंट ब्लॉक करने को कहा था. ये अकाउंट कुछ घंटे ब्लॉक भी रहे लेकिन बाद में रीस्टोर कर दिया गया था. इसी रीस्टोर किए जाने पर सरकार की तरफ से ट्विटर को नोटिस भेजे जाने की बात सामने आई थी.
अब ऐसे हालातों में ट्विटर के CEO का रिहाना के समर्थन में ट्वीट लाइक करना चर्चा का विषय है. जैक ने जिन ट्वीट्स को लाइक किया है उनमें वॉशिंगटन पोस्ट की जर्नलिस्ट Karen Attiah भी हैं, जिन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है-
''रिहाना ने भारत सरकार को हिला कर रख दिया है, जब आप शोषितों को बढावा दे सकते हैं तो एल्बम की किसे जरूरत है''
" रिहाना ने सुडान, नाइजीरिया के बाद अब भारत और म्यांमार में सोशल जस्टिस के लिए अपनी आवाज उठाई है, वो सच में रियल हैं."
एक और ट्वीट जिसमें Karen Attiah की मांग है कि किसान प्रदर्शन के लिए #FarmersProtests की इमोजी लाई जाए, उसपर भी डोर्सी ने लाइक किया है.
इससे पहले ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर हो रही ऐसी चर्चा के बाद भारत सरकार की तरफ से भी 3 फरवरी को प्रतिक्रिया आई है. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ ग्रुप अपने स्वार्थ और एजेंडे को लागू करने के लिए इन विरोध प्रदर्शन का सहारा ले रहे हैं और और उन्हें पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं. “इन निहित स्वार्थ समूहों में से कुछ ने भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने की भी कोशिश की है.” हालांकि विदेश मंत्रालय के बयान में किसी भी अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रेटी का भी नाम नहीं लिया गया है.
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