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दुनिया में डिजिटल क्रांति से सबसे ज्यादा फायदा आपका हुआ हो या नहीं हो, लेकिन आपकी बुआ, बुआ के ननद के बेटे की पत्नी की सास के भाई और उनके पूरे खानदान का हुआ है. अब आप सोच रहे होंगे वो कैसे? तो आपको बता दें कि डिजिटल होती दुनिया में वॉट्सऐप पर फैमिली वाला ग्रुप उसी डिजिटल क्रांति का योगदान है. और आप ना चाहते हुए भी उस क्रांतिकारी वॉट्सऐप ग्रुप का हिस्सा.
मतलब हाल ऐसा कि फैमिली ग्रुप न हो गया मानो अफवाहों की दुकान हो गई. जैसी भी अफवाह चाहो सब मिलेगा वो भी मार्केट से सस्ते रेट में. टुन टुन कर इतनी बार मैसेज की घंटी बजती है मानो मैसेज नहीं अलार्म लगा हो.
गुड मॉर्निंग मैसेज और उसके साथ फूल, गुलदस्ता फिर धार्मिक संदेश. लेकिन दिन चढ़ते ही ग्रुप पर भी सब का पारा चढ़ने लगता है. राजनीतिक दल का झंडा लिए चाचा तो सरकार की वकालत करती मौसी. सब यहां अटैकिंग मोड में एक्टिव हो जाते हैं.
ऐसी ही फैमिली हमारी भी है. सूरज बरजातिया की हम साथ साथ हैं टाइप. कभी खुशी कभी गम, तो कभी हम आपके हैं कौन. आइए मिलवाते हैं आपको ऐसे ही फैमिली के कुछ किरदारों से और उनकी गप्पों से.
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Published: 28 May 2018,12:39 PM IST