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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि ऑटो सेक्टर में मंदी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री BS6 स्टैंडर्ड और मिलेनियल्स के माइंड सेट से प्रभावित है. सीतारमण ने कहा कि मिलेनियल आजकल गाड़ी खरीदने की जगह ओला-उबर को तवज्जो दे रहे हैं.
पिछले महीने में बीते 21 साल में सबसे कम कारें बिकी हैं. ऑटो मेकर्स की संस्था SIAM के मुताबिक, घरेलू बाजार में इस महीने कारों की बिक्री में 41 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. कार बिक्री में गिरावट का ये डेटा आने के बाद मंदी के मुद्दे पर बहस और गरम हो गई. इस बीच आई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सफाई ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को और गरम कर दिया है.
सोशल मीडिया यूजर अर्चना चौबे ने ट्विटर पर लिखा, ‘ओलो -ऊबर की वजह से वाहनों की बिक्री घटी-निर्मला सीतारमण, वित्तमंत्री. तो ये वजह है जिससे वाहनों की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है और युवा वाहन खरीदने से मुंह मोड़ रहे हैं. वाह मंत्री जी वाह वाजिब वजह खोज ही निकाली.’
ट्विटर यूजर मोहम्मद अरशाद अली ने लिखा, ‘वाह निर्मला सीतारमण, वित्तमंत्री आपके अर्थशास्त्र ने तो सबके होश ही उड़ा दिए. माननीय मंत्री जी ओला-उबर देश के कितने शहरों में चलता है? जिससे वाहनों की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है. चलिये मान भी लें आपकी बात तो ओला-उबर से कार की खरीद में कमी आएगी ट्रक की खरीदारी क्यों कम हो रही है?’
ट्विटर यूजर दीपक कुमार पांडेय ने लिखा, ‘निर्मला सीतारमण जी ने ऑटो सेक्टर में मंदी की बात मानते हुए कहा कि ओला और उबर के चलते मंदी आयी है क्योंकि सब ओला और उबर का उपयोग कर रहे है इसलिये कोई अपनी कार नहीं खरीद रहा है. मेरा प्रश्न फिर ट्रैक्टर और ट्रक की बिक्री कम क्यों?’
उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘ऑटो सेक्टर में मंदी के लिए ओला, ऊबर भी जिम्मेदार: निर्मला सीतारमण. अरे वाह ! ओला-ऊबर तो कांग्रेस के शासन में भी थे. कांग्रेस शासन के दौरान मंदी पढ़े-लिखे प्रधानमंत्री की नीतियों से नहीं आयी थी. सत्ता संभालने से पहले आप को नहीं पता था कि देश की सड़कों ओला, ऊबर भी चलते है.’
ट्विटर यूजर सौरभ श्रीवास्तव ने लिखा, ‘थैंक गॉड. फाइनेंस मिनिस्टर ने स्मार्ट बाइक को जिम्मेदार नहीं ठहराया, जिसे इन दिनों हम इस्तेमाल कर रहे हैं.’
ट्विटर यूजर जीतेश रोचलानी ने लिखा, ‘और अब आगे ये बताया जाएगा कि रुपया ग्रेविटी की वजह से गिर रहा है.’
अर्थव्यवस्था में आई मंदी की वजह से ऑटो सेक्टर को पिछले 21 सालों में सबसे कम बिक्री का सामना करना पड़ रहा है. अगस्त में 1997-98 के बाद सबसे कम बिक्री दर्ज की गई है. घरेलू बाजार में अगस्त में वाहनों की बिक्री में 23.55 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. ऐसी गिरावट इससे पहले साल 2000 के दिसंबर में देखने को मिली, जब बिक्री में 21.81 फीसदी की गिरावट आई थी.
पिछले दस महीनों से कारों की बिक्री में गिरावट जारी है, जिसका प्रमुख कारण जीएसटी की उच्च दर और कैश की कमी है. ऑटो सेक्टर को बीते जुलाई में 18.71 फीसदी गिरावट का सामना करना पड़ा था, जो पिछले 19 सालों में सबसे बड़ी गिरावट थी.
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