ट्विटर पर क्यों ट्रेंड करने लगे पूर्व पीएम वीपी सिंह?

वीपी सिंह को मंडल कमीशन रिपोर्ट को लागू करने के लिए सबसे ज्यादा याद रखा जाता है

क्विंट हिंदी
सोशलबाजी
Published:
VP सिंह ने ओबीसी को दिया था 27 फीसदी आरक्षण
i
VP सिंह ने ओबीसी को दिया था 27 फीसदी आरक्षण
फोटो: PTI

advertisement

25 जून को वीपी सिंह ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे थे. करीब पांच हजार लोगों ने ट्वीट किया था. अचानक नजर पड़ी तो समझ में नई आया. गौर किया तो पता चला कि वीपी सिंह, दलितों-पिछड़ों नेता का बर्थडे है. दलित विचारक, आदिवासी चिंतक, उनके फैन, संगठनों ने मिलकर इसे ट्रेंड कराया था. 1989 से 1991 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे वीपी सिंह को मंडल कमीशन रिपोर्ट को लागू करने के लिए सबसे ज्यादा याद रखा जाता है.

पत्रकार और सोशल मीडिया में दलितों, पिछड़ों के मुद्दे उठाते रहने वाले दिलीप मंडल से लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने वीपी सिंह को याद किया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पिछले कुछ वक्त में सोशल मीडिया पर दलित, पिछड़े तबके से आने वाले लोगों की आवाज बुलंद हुई है. ये आपस में मिलकर संगठित रूप से अपनी मांग उठाते हैं और अभियान चलाते हैं. वीपी सिंह के जन्मदिन पर जिस तरह से उन्हें ट्रेंड कराया गया, इससे पता चलता हि सोशल मीडिया पर दलित विमर्श भी जगह पुख्ता कर रहा है.

वीपी सिंह की पढ़ाई इलाहाबाद और पुणे यूनिवर्सिटी से हुई. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन करली. इसके बाद वो उत्तर प्रदेश से विधायक चुने गए. 1971 में वीपी सिंह सांसद बने और लोकसभा पहुंचे. उन्होंने तब जनता पार्टी सरकार में कॉमर्स मंत्रालय का काम देखा. 1980 में वीपी सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए और उन्हें फूलन देवी गेंग के एनकाउंटर के लिए भी याद किया जाता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT