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आज 21 जून को फादर्स डे मनाया जा रहा है. बच्चे फादर्स डे को स्पेशल बनाने और पिता को सरप्राइज देने के लिए कई तरह की प्लानिंग करते हैं. कुछ लोग गिफ्ट्स और उपहार देकर अपने पापा को फादर्स डे विश करते हैं. लेकिन अगर आप किसी वजह से अपने पिता से दूर हैं और इस तरह की चीजें प्लान नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें स्पेशल मैसेज के जरिए फादर्स डे की बधाई दे सकते हैं.
तन्हाई में जब बीते लम्हो की याद आती हैं,
क्या कहे जिस्म से जान चली जाती हैं,
यूँ तो पापा बहुत दूर चले गए हम से
पर आँखे बंद करे तो सूरत उनकी नजर आती हैं
I Miss You Papa
हंसते हैं हंसाते हैं मेरे पापा, मेरे लिए खुशिया लाते हैं मेरे पापा. जब मे रुठ जाती हूं, तो मनाते हे मेरे प्यारे पापा. गुड़िया हूं मे पापा की, और मेरे सब से प्यारे दोस्त हैं पापा, न हो तो रोती हैं जिदे, ख्वाहिशों का ढेर होता हैं, पिता हैं तो हमेशा बच्चों का दिल शेर होता हैं.
धरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई है, जिन्दगी को तरस के खुदा ने ये तस्वीर बनाई है, हर दुख वो बच्चों का खुद पे वो सह लेते हैं, उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते हैं.
मेरे होठों की हंसी मेरे पापा की बदोलत है, मेरी आंखों में खुशी मेरे पापा की बदोलत है, पापा किसी खुदा से कम नहीं, क्योंकि मेरी जिन्दगी की सारी खुशी पापा की बदोलत है.
माना जाता है कि फादर्स डे सबसे पहले 19 जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया. इसके पीछे सोनेरा डोड की एक रोचक कहानी है. सोनेरा डोड जब छोटी थी, तभी उनकी मां का निधन हो गया था. पिता विलियम स्मार्ट ने सोनेरो के जीवन में मां की कमी महसूस नहीं होने दी और उन्हें एक पिता के साथ-साथ मां का भी प्यार दिया.
1909 में स्पोकाने के चर्च में मदर्स डे पर उपदेश दिया जा रहा था जिसके बाद डोड को लगा कि मदर्स डे की ही तरह फादर्स डे भी मनाया जाना चाहिए. ओल्ड सेंटेनरी प्रेस्बिटेरियन चर्च के पादरी डॉक्टर कोनराड ब्लुह्म की मदद से इस विचार को स्पोकाने YMCA के पास ले गईं. जहां स्पोकाने YMCA और मिनिस्टीरियल अलायन्स ने डोड के इस विचार का समर्थन किया और 1910 में पहली बार फादर्स डे मनाया गया.
फादर्स डे पर एक दूसरी कहानी भी प्रचलित है. इसके अनुसार, सबसे पहले 5 जुलाई 1908 को वेस्ट वर्जीनिया के फेयरमोंट में फादर्स डे मनाया गया था. ग्रेस गोल्डन क्लेटन अनाथ थीं और उन्होंने इस दिन को खास महत्व दिलाने के लिए बहुत प्रयास किया.
6 दिसंबर 1907 को हुए एक खान हादसे में कई लोगों की जान गई थी और बहुत से बच्चों ने अपने पिता को खो दिया था. क्लेटन ने उन्हीं लोगों की याद में इस दिन को सेलिब्रेट करने के बारे में सोचा लेकिन तब इसके लिए छुट्टी नहीं होती थी.
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