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Mother's Day Poem in Hindi 2022: मदर्स डे पर पढ़ें माँ पर लिखी कविता व निबंध

Mother's Day Poem in Hindi: मदर्स डे इस साल 8 मई को मनाया जा रहा है.

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लाइफस्टाइल
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<div class="paragraphs"><p>Mother's Day Poem in Hindi 2022</p></div>
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Mother's Day Poem in Hindi 2022

(फोटो-Istock)

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Happy Mother's Day 2022 Hindi Poems: हर साल मई माह के दूसरे रविवार को दुनिया भर में मदर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है, जो कि इस साल 8 मई को मनाया जा रहा है. एक माँ ही है जो हमें चलना सिखाती है और दुनिया में सही गलत का पाठ सिखाती है. यदि दुनिया में माँ ही ना हो तो इस दुनिया का कोई अस्तित्व ही नहीं है. मदर्स डे माँ का दिन होता है और इस दिन की खुशी में हम आपके लिए हिंदी में Mothers Day Poem लेकर आए हैं. जिनको आप अपनी माँ के सामने गाकर अपनी फीलिंग को शेयर कर सकते है.

Happy Mother's Day 2022 Hindi Poems, Essays, Short Notes, Shayari for Greeting Cards

1. मेरी प्यारी माँ तू कितनी प्यारी है

जग है अधियांरा तू उजियारी है

शहद से मिठी हैं तेरी बातें

आशीष तेरा जैसे हो बरसातें

डांट तेरी है मिर्ची से तीखी

तुझ बिन जिंदगी है कुछ फीकी

तेरी आंखों में छलकते प्यार के आँसू

अब मैं तुझसे मिलने को भी तरसूं

माँ होती है भोरी भारी

सबसे सुंदर प्यारी प्यारी..

2. घुटनों से रेंगते-रेंगते,

कब पैरो पर खड़ा हुआ.

तेरी ममता की छाओ में,

जाने कब बड़ा हुआ.

काला टिका दूध मलाई,

आज भी सब कुछ वैसा है.

मैं ही मैं हूँ हर जगह,

प्यार ये तेरा कैसा है.

सीधा-साधा, भोला-भला,

मैं ही सबसे अच्छा हूँ.

कितना भी हो जाऊ बड़ा,

माँ ! मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ.

3. माँ की ममता करुणा न्यारी,

जैसे दया की चादर

शक्ति देती नित हम सबको,

बन अमृत की गागर

साया बन कर साथ निभाती,

चोट न लगने देती

पीड़ा अपने उपर ले लेती,

सदा सदा सुख देती

माँ का आँचल सब खुशियों की,

रंगा रंग फुलवारी

इसके चरणों में जन्नत है,

आनन्द की किलकारी

अदभुत माँ का रूप सलोना,

बिलकुल रब के जैसा

प्रेम के सागर सा लहराता,

इसका अपनापन ऐसा..

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4. प्यारी प्यारी मेरी माँ

प्यारी-प्यारी मेरी माँ

सारे जाग से न्यारी माँ.

लोरी रोज सुनाती है,

थपकी दे सुलाती है.

जब उतरे आँगन में धूप,

प्यार से मुझे जगाती है.

देती चीज़ें सारी माँ,

प्यारी प्यारी मेरी माँ.

उंगली पकड़ चलाती है,

सुबह-शाम घुमाती है.

ममता भरे हुए हाथों से,

खाना रोज खिलाती है.

देवी जैसी मेरी माँ,

सारे जाग से न्यारी माँ..

5. माँ

चूल्‍हे की आग में खुद को तपाती हुई

बच्चे की ग़लतियाँ ममता में भुला रही है

दूध रोटी से लेकर, मंदिर के घंटे तक

स्नेह की चाशनी में, बचपन घुला रही है

बारिश के मौसम में, अंदर से गीला होकर

बच्चे को बचाकर खुद को सिला रही है

बिगड़ ना जाए वो, कुछ ऐसा ही सोचे

उसे डाँटकर माँ खुद को रुला रही है

अंधेरा है आगे, कहीं डर ना जाए बच्चा

कतरा कतरा माँ खुद को जला रही है

बहुत खेल चुके, अब शाम हो गयी है

आ जाओ पास माँ तुम्हे बुला रही है..!

6. प्यारी प्यारी मेरी माँ

सारे जग से न्यारी माँ..

लोरी रोज सुनाती है,

थपकी दे सुलाती है..

जब उतरे आगन में धुप,

प्यार से मुझे जगाती है..

देती चीजे सारी माँ,

प्यारी प्यारी मेरी माँ..

ऊँगली पकड़ चलाती है,

सुबह-शाम घुमाती है..

ममता भरे हुए हातो से,

खाना रोज खिलाती है..

देवी जैसी मेरी माँ,

सारी जग से न्यारी माँ..

प्यारी प्यारी मरी माँ

प्यारी प्यारी मेरी माँ.

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