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मशहूर स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की आज यानि 28 जनवरी को जयंती है. लाला लाजपत राय को शेरे पंजाब या पंजाब केसरी के नाम से भी जाते हैं. लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को फिरोजपुर, पंजाब में हुआ था. उनके पिता मुंशी राधा कृष्ण आजाद फारसी और उर्दू के महान विद्वान थे. उनके पिता राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रेवाड़ी में शिक्षक थे. लाला लाजपत राय ने भी वहीं से ही प्राथमिक शिक्षा हासिल की. लॉ पढ़ाई के लिए उन्होंने 1880 में लाहौर स्थित सरकारी कॉलेज में एडमिशन लिया. साल 1886 में लाला लाजपत राय का परिवार हिसार शिफ्ट हुआ. यही से उन्होंने लॉ की प्रैक्टिस की. इसके बाद लाला लाजपत राय ने हाई कोर्ट में वकालत करने के लिए 1892 में लाहौर चले गए.
आगे चलकर लाला लाजपत राय ने वकालत छोड़ दी और देश को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अन्य देशों की मदद के लिए वह 1914 में ब्रिटेन गए और फिर 1917 में यूएसए चले गए. यहां उन्होंने इंडियन होम रूल लीग की स्थापना की. लाला लाजपत राय जब साल 1920 में भारत लौटे तो उन्होंने जालियांवाला बाग हत्याकांड के खिलाफ पंजाब में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया. महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन का भी उन्होंने पंजाब में नेतृत्व किया.
लाला लाजपत राय की जयंती के मौके पर पढ़ें उनके कुछ अनमोल विचार-
साल 1928 में संवैधानिक सुधारों के लिए साइमन कमीशन भारत आया. कमीशन में किसी भी भारतीय प्रतिनिधि के न होने से लोग भड़क गए. देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. लाला लाजपत राय इस विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे थे. विरोध और मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज की, इस घटना में लाला लाजपत राय बुरी तरह जख्मी हो गए. 17 नवंबर 1928 को हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया.
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