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नाम बदलने से क्या होगा? फेयरनेस क्रीम बेचना ही गलत है

यूनिलीवर को अब समझ आया कि ‘फेयर एंड लवली’ के नाम में कुछ दिक्कत है

दीक्षा शर्मा
लाइफस्टाइल
Published:
यूनिलीवर को अब समझ आया कि ‘फेयर एंड लवली’ के नाम में कुछ दिक्कत है
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यूनिलीवर को अब समझ आया कि ‘फेयर एंड लवली’ के नाम में कुछ दिक्कत है
(फोटो: Altered By Quint)

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यूनिलीवर को 45 साल लग गए ये समझने में कि उनके प्रोडक्ट 'फेयर एंड लवली' के नाम में कुछ दिक्कत है. अब ब्रांड ने 'फेयर' शब्द को हटाने का ऐलान किया है. इससे पहले जॉनसंस एंड जॉनसंस ने कहा था कि वो 'क्लीन एंड क्लियर' फेयरनेस प्रोडक्ट की रेंज का प्रोडक्शन बंद कर रहे हैं. इन कंपनियों ने ये कदम ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शन के बाद उठाया है.

यूनिलीवर ने अपने ट्वीट में कहा, "हम ऐसे स्किनकेयर पोर्टफोलियो के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें सभी स्किन टोन शामिल हों और सुंदरता की विविधता का जश्न मनाएं. इसलिए हम 'फेयरनेस', 'व्हाइटनिंग' और 'लाइटनिंग' जैसे शब्द हटा रहे हैं और 'फेयर एंड लवली' का नाम बदल रहे हैं."

इस कदम का स्वागत होना चाहिए लेकिन और ब्रांड्स का क्या, जो न सिर्फ 'फेयरनेस' क्रीम बेच रहे हैं, बल्कि 'रेडियंट' स्किन के लिए क्लींजर्स, सीरम जैसे प्रोडक्ट भी बेच रहे हैं.

इस साल की शुरुआत में ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) (संशोधन) बिल 2020 का ड्राफ्ट जारी किया गया था. इसमें फेयरनेस क्रीम, मोटापा घटाने की दवाई, लंबाई बढ़ाने जैसे भ्रामक विज्ञापनों को कानून के मुताबिक दंडनीय बनाने का प्रावधान था. लेकिन इन विज्ञापनों को रोकने की कोई बात नहीं थी.  

रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं के लिए फेयरनेस क्रीम केटेगरी के 2023 तक 5000 करोड़ से ज्यादा के मार्केट रेवेन्यू पर पहुंचने की उम्मीद है.

नीचे कुछ तरीके बताए गए हैं, जिनमें भारतीय और विदेशी ब्रांड्स 'फेयरनेस' प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करते हैं और कभी-कभी बिना 'फेयरनेस' शब्द का इस्तेमाल किए.

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लैक्मे परफेक्ट रेडियंस, लोटस व्हाइट ग्लो, व्हाइट टोन. हिमालय नेचुरल ग्लो, लिस्ट लंबी है....

कोई कह सकता है कि ये ब्रांड्स 'फेयरनेस' को प्रमोट नहीं कर रहे हैं. लेकिन सच ये है कि लाइट, ब्राइट, ग्लो, व्हाइट जैसे शब्द फेयर और व्हाइट स्किन कलर की मार्केटिंग करने का तरीका है. फेयरनेस ब्लीच और 'टैन रिमूवल' को भी नहीं भूल सकते.

इन कुछ विज्ञापनों पर नजर डालिए.

गार्नियर लाइट कम्पलीट सीरम क्रीम का दावा है कि वो डल स्किन और स्पॉट्स बैन करती है. लेकिन बैन असल में इस प्रोडक्ट को होना चाहिए.

न्यूट्रोजीना और गार्नियर जिसे कुछ ब्रांड्स ने अभी भी अपने प्रोडक्ट्स को 'फेयरनेस क्रीम' को लेबल करना नहीं बंद किया है.

सेलिब्रिटी और एंडोर्स्मेंट

अमेरिका में 'ब्लैक लाइव्स मैटर' प्रदर्शन बड़ा होने के बाद कई भारतीय सेलेब्रिटीज ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर इसका समर्थन किया. इनमें से कई सेलिब्रिटी भारत में 'फेयरनेस क्रीम' के एम्बेसेडर रह चुके हैं. करीना कपूर खान, कटरीना कैफ, दिशा पाटनी, यामी गौतम, लिस्ट का अंत नहीं है.

जून 2020 की शुरुआत में अभय देओल ने सोशल मीडिया पर फेयरनेस क्रीम के ब्रांड की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को लेकर एक पोस्ट लिखा था. इसमें देओल ने कहा कि अब ब्रांड्स सीधे तौर पर 'फेयरनेस क्रीम' जैसे शब्दों से न जुड़कर इनके लिए 'व्हाइट ग्लो' जैसे शब्द इस्तेमाल करने लग गए हैं.

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