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My रिपोर्ट: एक पटना वाले की आंखों देखी बाढ़ की कहानी

जहां तक नजर जाती है वहां तक सिर्फ पानी ही पानी है

अखिलेश पांडेय
My रिपोर्ट
Published:
बारिश से आई बाढ़ की कहानी, पटना वाले की जुबानी
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बारिश से आई बाढ़ की कहानी, पटना वाले की जुबानी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता

मैं पटना के यारपुर में रहता हूं. हम लोग सदी की सबसे ज्यादा बारिश का सामना कर रहे हैं. जहां तक नजर जाती है वहां तक सिर्फ पानी ही पानी है हर दिशा में पानी है. सोमवार, 30 सितंबर को मेरी कॉलोनी में सब्जी बेचने वाले आए थे वो भी अपनी जिंदगी खतरे में डालकर अपना काम कर रहे हैं.

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कई लोग नवरात्रि के उपवास पर हैं लेकिन उनके पास पीने के लिए दूध भी नहीं है, पटना राजधानी में जिंदगी मानिए थम सी गई है.

इस इलाके में कई VIP लोगों का घर भी है, मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों के घर कुछ किलोमीटर की दूरी पर इसी इलाके में हैं. अगर ये इलाका पानी में डूब गया है, जरूरी चीजों की कमी पड़ रही है तो सोचिए पूरे पटना का हाल क्या होगा?

हम सभी बुनियादी चीजों के लिए बहुत संघर्ष कर रहे हैं जैसे सब्जी, दूध वगैरह. कुछ सब्जी बेचने वाले दुकान लगा रहे हैं जब मैंने उनसे सब्जियों का दाम पूछने गया तो साग 60 रुपये का है, लौकी करीब 80 रुपये की है. कोई भी सब्जी 50 रुपये से कम में नहीं मिल रही है.

ये जिंदगी है बिहार की राजधानी की, कई मेन-होल खोल दिए गए हैं, कई लोग बीमार पड़ रहे हैं, गांव में रहने वालों की स्थिति और खराब है. क्या हम यहां पर वोटर नहीं हैं? क्या हमारे वोट का कोई महत्व नहीं है? बिहार सरकार अपनी जिम्मेदारी कब उठाएगी?

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