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कम्युनिकेशन लॉकडाउन के बाद पहली बार कश्मीरियों ने की अपनों से बात

लोगों ने साझा किया दो महीने बाद अपने परिवार से बात करने का पहला अनुभव 

My रिपोर्ट
My रिपोर्ट
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करीब 2 महीने बाद कश्मीरियों ने की अपनों से ‘बात’
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करीब 2 महीने बाद कश्मीरियों ने की अपनों से ‘बात’
(फोटो: द क्विंट)

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वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
वीडियो प्रोड्यूसर:
आस्था गुलाटी

कश्मीर में कम्युनिकेशन लॉकडाउन के 2 महीने बाद 14 अक्टूबर को पोस्टपेड कनेक्शन बहाल किए गए. इसका मतलब ये कि जो कश्मीरी राज्य से बाहर रहते हैं, अपने परिवार और दोस्तों से बात नहीं कर पा रहे थे, आखिरकार उनसे संपर्क कर पाए.

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क्विंट के My रिपोर्ट के सिटीजन जर्नलिस्टों ने दो महीने बाद अपने परिवार के सदस्यों से बात करने का अपना पहला अनुभव साझा किया.

चंडीगढ़ में पढ़ने वाले छात्र फैजान बुखारी माता-पिता से फोन पर बात नहीं कर पाए, क्योंकि उनके पास प्रीपेड कनेक्शन था. बडगाम में चाचा से उनकी बात हुई.

मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि आपसे बात हो रही है.
फैजान बुखारी ने अपने चाचा से फोन पर कहा

सिर्फ बुखारी ही ऐसे नहीं थे जो परिवार से बात कर खुश थे, चंडीगढ़ के एक और छात्र शेख सकलैन को इस बात से राहत मिली कि उन्हें अब अपने माता-पिता से बात करने के लिए दूसरों के लैंडलाइन नंबर पर कॉल नहीं करना पड़ेगा.

ये अच्छा है, नहीं तो फोन करने में मुश्किल होती थी.
शेख सकलैन की मां ने कहा

नई दिल्ली में काम करने वाले राहील खान ने कई दिनों बाद अपने परिवार से बात की, क्योंकि बिल का भुगतान न करने पर लैंडलाइन कनेक्शन काट दिया गया था.

मुबारक हो, फोन चलने लगा.
राहील खान ने मां से कहा

राहील को अब चचेरे भाई और रिश्तेदार बिल के ऑनलाइन पेमेंट के लिए कह रहे हैं.

रोमिल ने अपने भाई राहील को बताया, “फोन बिल जमा करने के लिए लंबी कतार लग रही है."

अभी कश्मीर में पूरी तरह कम्युनिकेशन बहाल नहीं की गई है लेकिन इस फैसले से लोगों को राहत तो जरूर मिली है.

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

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