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बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी: “5 महीने से हो रहा मेरा शोषण’’  

अनुशासन के आधार पर बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर राज कुमार को जून में बर्खास्त कर दिया गया.

राज कुमार सिंह
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अनुशासन के आधार पर बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर को जून में बर्खास्त कर दिया गया.
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अनुशासन के आधार पर बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर को जून में बर्खास्त कर दिया गया.
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

वीडियो प्रोड्यूसर: माज हसन

अनुशासन के आधार पर बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर राज कुमार को जून में बर्खास्त कर दिया गया. दलित प्रोफेसर को बर्खास्त करने का फैसला गवर्नर्स की बोर्ड मीटिंग में लिया गया.

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राज कुमार का कहना है कि मेरे परिवार का और मेरा पिछले पांच महीने से मानसिक और आर्थिक रूप से शोषण किया जा रहा है. मेरी पांच महीने से सैलरी रोकी गई है. मुझे मेरी मौकरी भी वापस नहीं मिली है.

मजबूर प्रोफेसर ने इलाहबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुनवाई में कोर्ट ने दो पार्टी के बीच में 30 सितंबर को खत्म हुए वर्किंग कॉन्ट्रैक्ट पर कुछ नहीं कहा.मामले में प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने द क्विंट को बताया कि राज की छुट्टियां स्वीकार नहीं गईं थीं.

इसके पहले उसकी एग्जाम में ड्यूटी लगी थी, उसको मना किया गया कि नहीं मत जाइये. अगली बार चले जाइएगा. वो नहीं माना, चला गया. उसके बाद जब वो वापस आया तो उससे पूछा गया कि बिना डायरेक्टर के परमिशन के चले गए आप. उससे स्पष्टीकरण मांगा गया तो उसने इसे SC/ST का मामला बना दिया. 30 सितंबर को उसका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया.
प्रो. शिव कुमार कटयालडीन, आईइटी बीयू

दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी ने माना की बाकी कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाए गए हैं. प्रो. शिवकुमार ने बताया कि उससे पहले जो लोग काम कर रहे थे, उनको टेंपररी एक्सटेंशन दे दिया गया था. उनका नाम बोर्ड ऑफ गवर्नेंस में रखा जाएगा, उसके बाद कंफर्म होगा.

(मोहम्मद सरताज आलम का इनपुट)

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

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