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दिल्ली की सड़कों पर बाइक टैक्सियों के चलने पर प्रतिबंध लगाने के लगभग तीन महीने बाद, 10 मई को दिल्ली सरकार ने मोटर वाहन एग्रीगेटर योजना 2023 को मंजूरी दे दी है. ड्राफ्ट स्कीम में पेट्रोल बाइक से इलेक्ट्रिक बाइक पर स्विच करने का प्रस्ताव है.
नदीम अली का कहना है कि "इसने मेरे जैसे सभी बाइक टैक्सी सवारों को दिल्ली की सड़क पर फिर से चलने की उम्मीद दी है. प्रदूषण के स्तर को देखते हुए, पारंपरिक ईंधन से स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ना अच्छा है, परिवर्तन को सरल बनाने की व्यवस्था करना भी जरुरी है."
चूंकि सरकार कुछ समय से इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रही है, इसलिए मैंने कुछ समय पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर की ओर रुख किया. मैंने OLA S1 Pro को लगभग 1.5 लाख रुपये में खरीदा था. लेकिन, इसमें कई चुनौतियां थीं. हम रोजाना करीब 150-200 किमी चलते हैं, लेकिन यह बाइक इतनी रेंज नहीं दे पाती है.
जैसा कि ड्राफ्ट स्कीम में देखा जा सकता है सरकार अगले चार सालों में यात्रियों और गुड कैर्रिएर्स के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने की योजना बना रही है. मुझे लगता है कि इसे लागू करने के लिए यह बहुत जल्दी में लिया गया कदम है. क्योंकि हम में से कई ईवी खरीदने में सक्षम नहीं होंगे, क्योंकि हम में से कई अभी भी अपनी ईएमआई का भुगतान कर रहे होंगे.
अगर सरकार ईवी की ओर बढ़ रही है, तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन वाहनों ने दूरी सीमा में सुधार किया है. कंपनियां 100 किमी की रेंज का दावा करती हैं, लेकिन बाइकें उतनी नहीं चलतीं. इसे कम से कम 150 किमी की वास्तविक सड़क की स्थिति में रेंज देनी चाहिए ताकि हम काम कर सकें.
चार्जिंग स्पीड में भी सुधार की जरूरत है. एक इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज करने में करीब 4-5 घंटे का समय लगता है. सरकार को और अधिक चार्जिंग स्टेशन बनाने और उन्हें ठीक से बनाए रखने पर भी काम करना चाहिए ताकि हम जल्दी से चार्ज कर सकें और अपने लिए कमा सकें.
ईवी बाइक महंगी हैं, और सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी बहुत कम है क्योंकि उनकी कीमत पारंपरिक बाइक की तुलना में लगभग दोगुनी है.
पारंपरिक बाइक की कीमत 80,000-90,000 रुपये होती है जिसका हम बाइक टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करते हैं, और 100 किमी रेंज की ईवी बाइक की कीमत हमें लगभग 1.5-1.6 लाख रुपये है. हमें प्रदान की गई सब्सिडी पर्याप्त नहीं है, और हमें अपना कर्ज चुकाने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाना चाहिए.
हालांकि, ड्राफ्ट स्कीम को आगे के विचार के लिए दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर को भेज दिया गया है, इस महत्वपूर्ण कदम के बाद, परिवहन विभाग ड्राफ्ट की पूरी तरह से जांच करेगा. यहां तक कि इसके अंतिम संस्करण तक पहुंचने से पहले उनकी प्रतिक्रिया और सुझावों के लिए जनता से संपर्क करने की योजना भी है. हमने सरकार के साथ इन मुद्दों को हल करने के लिए बाइक टैक्सी सवारों का एक राइडर सहायता समूह बनाया है.
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