मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019My report  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019वो ताकतवर महिलाएं, जिनके सामने झुकती है दुनिया 

वो ताकतवर महिलाएं, जिनके सामने झुकती है दुनिया 

जानिए उन महिलाओं के बारे में, जो सत्ता के शीर्ष तक पहुंचीं.

आशुतोष शर्मा
My रिपोर्ट
Published:
(फोटो : altered by Quint Hindi)
i
null
(फोटो : altered by Quint Hindi)

advertisement

आज भले ही दुनिया की महिलाएं अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रही हैं, कई अपने अधिकार से ही अनजान हैं, उनके खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी हो रही हो या तमाम क्षेत्रों में जेंडर असमानता की समस्या से उन्हें जूझना पड़ता हो, लेकिन जब-जब उन्हें मौका मिलता है, वो अपना लोहा मनवा लेती हैं.

महिलाएं तमाम बाधाओं को पार करते हुए नया इतिहास लिख रही हैं. पुरुष प्रधान समाज होने के बाद भी कई देशों की प्रमुख आज महिलाएं हैं. आइए जानते हैं ऐसी ही महिलाओं के बारें में, जो सत्ता के शीर्ष तक पहुंचीं.

शेख हसीना

शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति थे. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष में देश का नेतृत्व किया था. 15 अगस्त 1975 को सेना ने राष्ट्रपति से बगावत कर दी और राष्ट्रपति भवन में घुसकर शेख हसीना के पिता, मां और तीन भाइयों की सामूहिक हत्या कर दी. देश से बाहर होने की वजह से शेख हसीना की जान बच गई थी. उस समय वो अपनी बहन के साथ जर्मनी में पढ़ाई कर रही थीं.

इसके बाद वो 1981 में बांग्लादेश लौटीं. अवामी लीग पार्टी की अध्यक्ष और 1996 में पहली बार देश की प्रधानमत्री बनीं. उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा. 2004 में उन पर जानलेवा हमला भी हुआ. वो तमाम संघर्षों के बाद भी लड़ती रहीं, आगे बढ़ती रहीं. अभी हाल ही में वो चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी हैं.

(फोटो: पीटीआई)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

एंजेला मार्केल

एंजेला मार्केल दुनिया की सबसे शक्तिशाली शख्सियतों में से एक हैं. वो 2005 से जर्मनी की चांसलर हैं. वो जर्मनी की पहली ऐसी महिला हैं, जो इस पद पर पहुंची हैं. उन्होंने 1990 में सक्रिय राजनीति की शुरुआत की थी. जर्मनी के एकीकरण के दौरान वह पूर्वी जर्मनी की सरकार की उप प्रवक्ता थीं. शाही परिवार से ताल्लुकात रखने के बाद भी सामान्य जीवन जीती हैं. उन्होंने दुनिया के तमाम बड़े पुरुष नेताओं के बीच अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है.

(फोटो: पीटीआई)

एर्ना सोलबर्ग

नॉर्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग का जन्म सामान्य परिवार में हुआ था. स्कूल के समय वो डिस्लेक्सिया बीमारी से पीड़ित थीं. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लिखने, पढ़ने और बोलने में दिक्कत होती है. इसके बाद भी वो अपनी सक्रियता के कारण नॉर्वे के स्कूल स्टूडेंट यूनियन के बोर्ड में चुनी गईं. 2013 में वो नॉर्वे की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं.

(फोटो: पीटीआई)

मैरी लुइस कोलेरो प्रेका

मैरी लुइस कोलेरो प्रेका माल्टा की राष्ट्रपति हैं. वे देश के इतिहास में सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति बनने वाली और इस पद पर पहुंचने वाली दूसरी महिला हैं. वो देश के इतिहास की पहली महिला हैं, जिन्हें संसद के सभी सदस्यों की सम्मति से चुना गया है. वो 16 साल की उम्र से ही राजनीति में सक्रिय हैं.

(फोटो: ट्विटर)

कोलिंडा ग्रैबर-किटारोविक

एक सामान्य परिवार में जन्मीं कोलिंडा ग्रैबर-किटारोविक क्रोएशिया की पहली महिला राष्ट्रपति हैं. इस पद पर पहुंचने वाली वो देश की सबसे युवा व्यक्ति हैं. जब वो छोटी थीं, तो उनका परिवार खेती और दुकान के जरिए अपना गुजारा करता था. कोलिंडा क्रोशियाई, अंग्रेजी, स्पेनिश और पुर्तगाली भाषा अच्छी तरह बोल और समझ लेती हैं. इसके साथ ही उन्हें फ्रेंच, इतावली और जर्मन भाषा भी आती है.

(फोटो: ट्विटर)

इनके साथ ही ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे, नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी, म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और रोमानिया की प्रधानमंत्री वियोरिका डेनसिला भी उन महिलाओं में शामिल हैं, जो वर्तमान में अपने देश में शीर्ष पद पर काबिज हैं. ये महिलाएं अपने संघर्ष जुनून और कुछ कर गुजरने के जज्बे के कारण आज इन पदों पर पहुंची हैं और लगातार आगे बढ़ी हैं.

देखें वीडियो - दिल्ली की लेडी बाउंसर्स: आंखों में लगे काजल से धोखा मत खाना

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT