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जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) की एक खास मीठे पानी की वुलर झील (Wular Lake) खत्म होने की कगार पर है. बांदीपोरा जिले के आसपास स्थानीय लोगों का कहना है कि ये झील ही उनके रोजगार का जरिया है. वुलर के प्रदूषित होने से यहां के मछुवारों की हालत बड़ी ही खस्ता है. उनका कहना है की सरकार भी इसकी सफाई पर कोई कदम नहीं उठा रही है और हम अपना घर कैसे चलाये.
वुलर झील कश्मीर के बांदीपोरा (Bandipora) जिले में है. वुलर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है. जो लगातार बढ़ते प्रदूषण की वजह से प्रदूषित हो रही है. लोगों का कहना है कि पहले ये झील बेहद ही साफ थी जिसमे खास किस्म की 'ट्राउट मछलिया' पाई जाती थी पर अब झील में मछलिया बची ही नहीं हैं. पहले इसकी गहराई भी करीब 30 फीट अब इसमें मिट्टी के सिवाय कुछ नहीं है. सरकार भी बस टूरिस्टों को दिखने के लिए कुछ दूर तक इसकी सफाई करवा देती है पर इससे कुछ होता नहीं है. झील को जरूरत है अच्छी तरह से सफाई की ताकि यहां के लोगों का रोजगार लौट आये.
यहां के स्थानीय लोगों का मुख्य रोजगार मछली पालन है अगर झील में इतनी गंदगी होगी तो कैसे मछली पालन संभव है.
वुलर झील अपना अस्तित्व सालों से खोता जा रहा है, कोई इसकी देखभाल के लिए कदम नहीं उठा रहा. सरकार भी हाथ पर हाथ रख कर बैठी है. जम्मू और कश्मीर सरकार की तरफ से एक कदम उठाया गया था, इसकी सफाई को लेकर पर ये भी कुछ खास हिस्सों के लिए ही था जिससे यहां आने वाले टूरिस्ट का ध्यान खींचा जा सके. पर जमीनी हकीकत की बात करें तो वुलर की हालत बहुत ही खराब है. इसलिए बहुत जरूरी है कि सरकार वुलर झील के बचाव के लिए जल्द से जल्द कुछ कदम उठाये, जिससे वुलर को बचाया जा सके.
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Published: 06 Nov 2022,09:39 PM IST