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15 दिसंबर, 2022 को दिल्ली के डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल (RML) ने संविदा पर काम कर रहे 43 नर्सिंग स्टाफ को नौकरी से निकाल दिया है. ये सभी नर्सिंग स्टाफ साल 2009 से काम कर रहे थे. संविदा नर्सिंग स्टाफ का चयन भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से पारदर्शिता के आधार पर हुआ था. बता दें कि 14 फरवरी, 2022 को RML हॉस्पिटल ने अस्पताल के 151 संविदा नर्सिंग अधिकारियों को टर्मिनेशन लेटर जारी किया था. नौकरी से निकाले गए सभी स्टाफ वापस नौकरी पर रखने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन रहे हैं.
कोविड महामारी के दौरान इन नर्सिंग स्टाफ को परमानेंट नौकरी का प्रलोभन देकर काम करवाया गया. इसके बावजूद पिछले महीने इन लोगों को निकाल दिया गया.
उन्हीं में से एक नर्सिंग स्टाफ जोजी एमजे भी हैं, जिन्होंने अपनी व्यथा सुनाई. जोजी घर में अकेली कमाने वाली हैं. उनके दो बच्चें हैं. कोविड-19 के दौरान पति और ससुर की मौत हो गई थी. ये नौकरी ही उनके जीवनयापन का एकमात्र सहारा था. वो भी उनसे छिन गया.
जोजी एमजे कहती हैं, सरकार ने कहा था, कोरोना महामारी में 100 दिन से अधिक काम करने वाले चिकित्साकर्मियों को जॉब देने में प्राथमिकता दी जाएगी. लेकिन ये तो नौकरी से ही निकाल दिए.
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