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महाराष्ट्र के पुनर्वास मंत्री विजय वडेत्तीवार ने बुधवार को कहा कि एक जून से मानसून के मौसम में राज्य में बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में कम से कम 436 लोगों की मौत हो गई।
इसमें अकेले पिछले 3 दिनों में कम से कम 15 मौतें शामिल हैं, भारी बारिश और राज्य के बड़े हिस्से में भारी बाढ़ के कारण चक्रवात गुलाब के प्रभाव से उत्पन्न हुई।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई बाढ़ समीक्षा बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि 436 में से कम से कम छह लोगों के शव अभी तक बरामद नहीं हुए हैं।
वडेत्तीवार ने कहा, राज्य इस मानसून के मौसम और प्रकृति की अनिश्चितताओं को बैक-टू-बैक बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। अब तक 436 मौत में से 196 बिजली के हमलों के कारण मारे गए। बाकी लोगों की जान बाढ़, घर दुर्घटना, भूस्खलन या पहाड़ी ढहने, डूबने और बारिश से संबंधित अन्य त्रासदियों के कारण गई।
अकेले सितंबर में, विभिन्न क्षेत्रों से 71 मौतों की सूचना मिली थी, जबकि सीजन की सबसे बड़ी एकल दुखद घटना 23 जुलाई को हुई थी, जहां 60 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए।
मानसून की बारिश जुलाई में मेगा-बाढ़, तटीय कोंकण, मराठवाड़ा, विदर्भ में कई बार भारी वर्षा और वर्तमान में चक्रवात गुलाब द्वारा उपजी ताजा जादू जैसी घटनाओं से जटिल हो गई थी।
मानसून से पहले, मई के मध्य में, राज्य चक्रवात तौकता से प्रभावित हुआ था, जिसमें कम से कम 86 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर मुंबई हाई फील्ड्स के आसपास अरब सागर की घटनाओं में थे।
आईएमडी ने मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में बारिश के मौसम की भविष्यवाणी की है, हालांकि कोंकण और राज्य के अन्य हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक 4 अक्टूबर तक बारिश कम हो सकती है।
महाराष्ट्र और गुजरात तटों से करीब 75 किलोमीटर दूर अरब सागर में 60 किमी प्रति घंटे से 100 किमी प्रति घंटे की तेज हवा के साथ मछुआरों को रविवार तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
--आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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