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योजना आयोग के पूर्व सदस्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर देश के जाने माने विशेषज्ञ अर्थशास्त्री अभिजीत सेन (Abhijit Sen Dies) का 72 साल की उम्र में सोमवार रात निधन हो गया. सेन का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ. उनके भाई डॉ. प्रणब सेन ने उनके निधन की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि, "उन्हें रात करीब 11 बजे दिल का दौरा पड़ा. हम उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन जब तक हम वहां पहुंचे तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था."
चार दशकों से अधिक के करियर में, अभिजीत सेन ने नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ाया, और कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर रहे. वह 2004 से 2014 तक जब मनमोहन सिंह प्रधान मंत्री थे, वे योजना आयोग के सदस्य थे.
अपने शिक्षण और शोध के अलावा, सेन ने पॉलिसी बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 1997 में, संयुक्त मोर्चा सरकार ने उन्हें कृषि लागत और मूल्य आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था. उन्होंने कृषि निकाय मंत्रालय के लिए कई कृषि वस्तुओं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की सिफारिश करने का काम किया. जब उनका कार्यकाल तीन साल बाद समाप्त हुआ, तो उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने दीर्घकालिक अनाज नीति पर विशेषज्ञों की उच्च-स्तरीय समिति का नेतृत्व करने के लिए कहा गया.
भारत भर में सभी उपभोक्ताओं के लिए चावल और गेहूं के लिए एक सार्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) शुरू करने और सीएसीपी को एक सशक्त, वैधानिक निकाय बनाने के लिए की गई सिफारिश उनके बड़े कामों में शामिल हैं.
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