advertisement
बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सेना में भर्ती योजना अग्निपथ को वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन के बाहर भी राजद, कांग्रेस और वामदलों के विधायकों ने अलग-अलग प्रदर्शन कर सेना भर्ती प्रक्रिया में विरोध का जोरदार विरोध किया और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान विधायक नारे लिखे तख्तियांे को हाथ में लहराते दिखे।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही सदन के अंदर भी विपक्षी दलों के विधायकों के तेवर कम नहीं हुए और अग्निपथ को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा कार्यवाही चलाने के लिए सहयोग मांगते हुए शांत होने और अपनी सीट पर जाने के आग्रह करते रहे, लेकिन विपक्षी दल के विधायक कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। सभी लोग अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग कर रहे थे।
विधायकों ने कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अग्निपथ योजना पर संवाद कराएं और विधानसभा से इस योजना को वापस लेने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाए।
अध्यक्ष के समझाने के बाद भी जब सदन में हंगामा होता रहा, तब अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही को अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगति कर दी।
भाकपा (माले) के विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि अग्निपथ योजना छात्रों, सेना के साथ छलावा है। देश के साथ धोखा है। पूरे देश के युवाओं में इसे लेकर आक्रोश है। केंद्र सरकार जबतक इसको वापस नहीं लेगी तबतक विधानसभा हम लोग नहीं चलने देंगे।
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)