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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) जिले में अतिक्रमण हटाने को लेकर राधा स्वामी सत्संग से जुड़े लोगों और पुलिस के बीच विवाद हिंसक हो गया. पुलिस का आरोप है कि सत्संगियों ने पुलिस के ऊपर पथराव किया जिसमें कई पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. आगरा जिला प्रशासन की तरफ से राधा स्वामी सत्संग के पदाधिकारी को एक हफ्ते का समय दिया गया है कि वह अतिक्रमण की गई जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाएं, नहीं तो दोबारा कार्रवाई की जाएगी.
24 सितंबर को बुलडोजर लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंची राजस्व विभाग की टीम को राधा स्वामी सत्संग से जुड़े लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. इससे एक दिन पहले यानी 23 सितंबर को भी राधा स्वामी सत्संग द्वारा तकरीबन 6 जगह पर किए गए अतिक्रमण को प्रशासन द्वारा हटाया गया था.
करोड़ों रुपए की जमीन पर राधा स्वामी सत्संग द्वारा अवैध तरीके से अतिक्रमण किए जाने का आरोप है. इसी क्रम में 24 सितंबर को भी एक टीम अतिक्रमण हटाने दयालबाग पहुंची थी, जहां पर विरोध ने हिंसक रूप ले लिया.
उन्होंने आगे बताया कि, इस दौरान पुलिस ने एक लाठी भी बरामद की जिसके एक सिरे पर लोहे की कीलें लगी थीं. आरोप लग रहे हैं कि सत्संगियों ने इसका इस्तेमाल पुलिस के खिलाफ किया है.
स्थिति नियंत्रण होने के बाद पुलिस ने सत्संग के पदाधिकारी को 24 घंटे की मोहलत दी थी कि वह जमीन से जुड़े दस्तावेज लेकर आएं. हालांकि बाद में समय सीमा बढ़ाकर एक हफ्ते कर दिया गया था. पुलिस ने अभी इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है.
सूत्रों का कहना है की हिंसा के इस मामले में दो अलग-अलग तहरीर मिली है जिस पर मुकदमा दर्ज हो सकता है.
पुलिस और राधा स्वामी सत्संग के अनुयायियों के विवाद के दौरान मिलट्री यूनिफॉर्म में लाठी के साथ आत्मरक्षा का कौशल दिखा रही महिलाओं का भी एक वीडियो सामने आया है. उनके यूनिफॉर्म पर RAF लिखा हुआ है. वैसे तो आरएएफ भारत की पैरामिलिट्री फोर्स का एक अंग है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में इनका सहयोग लिया जाता है.
लेकिन राधा स्वामी सत्संग के इस प्राइवेट RAF को लेकर भी अब चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि इनको किस मकसद के लिए तैयार किया जा रहा है. आगे आने वाले समय में पुलिस इसको लेकर कार्रवाई कर सकती है और इस हिंसा के संबंध में होने वाले मुकदमे में इसको लेकर भी जांच संभावित है.
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