मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019महाराष्ट्र सरकार में शामिल अजित पवार समेत NCP के ये नेता जिनके पीछे पड़ी है ED

महाराष्ट्र सरकार में शामिल अजित पवार समेत NCP के ये नेता जिनके पीछे पड़ी है ED

Ajit Pawar, छगन भुजबल, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के खिलाफ ED और ACB की जांच चल रही है.

क्विंट हिंदी
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए पवार समेत NCP के चार नेता जिनके पीछे ED का शिकंजा</p></div>
i

महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए पवार समेत NCP के चार नेता जिनके पीछे ED का शिकंजा

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) की शिंदे-देवेंद्र फणडनवीस सरकार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 9 विधायकों ने समर्थन दिया और कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ ली है. लेकिन, इन मंत्रियों में से कम से कम चार नेता या उनके परिवार के सदस्य- अजीत पवार, छगन भुजबल, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ ऐसे हैं, जिन पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) या भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) जांच कर रही है. आइए जानते हैं कि अजित पवार से साथ शपथ लेने वालों मंत्रियों के खिलाफ क्या केस दर्ज हैं?

अजित पवार

को-ओपरेटिव बैंक स्कैम: अजित पवार के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) जांच कर रही है. महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक द्वारा दिए गए कर्ज में अनियमितताओं के आरोपों पर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पवार के खिलाफ दायर हुई थी जिसके आधार पर केस चल रहा है. इसी के आधार पर, ईडी ने भी इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए मामला दर्ज किया था.

सिंचाई स्कैम: जब अजित पवार कांग्रेस-एनसीपी सरकार में जल संसाधन मंत्री और विदर्भ सिंचाई विकास निगम के अध्यक्ष थे, तब सिंचाई परियोजनाओं में उन पर अनियमितता के आरोप लगे थे. जनहित याचिकाओं के आधार पर, महाराष्ट्र एसीबी ने इस संबंध में अदालत की निगरानी में जांच शुरू की थी.

हसन मुश्रीफ

कोल्हापुर के नेता हसन मुश्रीफ के खिलाफ ईडी जांच कर रही है. सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड और हसन के परिवार से जुड़ी कंपनियों के कामकाज में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में मुंबई में ईडी तलाशी ले रही है.

मुंबई की विशेष अदालत और बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी दलीलों में मुश्रीफ ने कहा था कि, उनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला साजिशन है. उन्होंने आरोप लगाया कि, उन्हें ईडी की जांच के दायरे में "जानबूझकर" लाया जा रहा है. उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि कैसे ईडी का उपयोग राजनीतिक प्रतिशोध के लिए या तो गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाने या राजनीतिक करियर को पूरी तरह से तबाह करने के लिए किया जाता है.

मुश्रीफ की अग्रिम जमानत याचिका अप्रैल में विशेष अदालत ने खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अदालत उनकी अंतरिम राहत बढ़ा रही है. पिछले हफ्ते इसे 11 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था. इसके अलावा उनके तीन बेटों के खिलाफ भी ईडी जांच कर रही है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

छगन भुजबल

2006 में तीन परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक के ठेके देने में कथित अनियमितताओं की जांच लिए भुजबल के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इसके बाद भुजबल और 16 अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 2015 में मामला दर्ज किया था. उस समय भुजबल राज्य के PWD मंत्री थे.

चमनकर डेवलपर्स को महाराष्ट्र सदन का निर्माण, अंधेरी में एक नए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भवन का निर्माण और मालाबार हिल में एक राज्य अतिथि गृह के निर्माण के लिए ठेका दिया जाना था. इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए एक अलग मामला भी दर्ज किया था. एजेंसी ने मामले में भुजबल को गिरफ्तार किया और दो साल जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी.

मुंबई यूनिवर्सिटी भ्रष्टाचार मामले के संबंध में एसीबी द्वारा दायर एक मामला विशेष अदालत के समक्ष लंबित है. भुजबल ने डिस्चार्ज याचिका दायर की है, जिस पर फिलहाल सुनवाई चल रही है.

सुनिल तटकरे

सिंचाई घोटाले में अजित पवार के अलावा सुनील तटकरे का नाम भी शामिल है जिसकी एसीबी जांच कर रही है. 2017 में एसीबी ने आरोपपत्र दायर किया था जिसमें तटकरे का नाम शामिल था. ईडी ने इसी मामले के सिलसिले में 2012 में तटकरे के खिलाफ प्रारंभिक जांच भी शुरू की थी. सुनिल तटकरे की बेटी अदिति तटकरे ने भी अजित पवार के साथ मंत्री पद की शपथ ली हैं.

प्रफुल्ल पटेल

सांसद प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ ईडी ने 2019 में आरोप लगाया था कि पटेल से जुड़ी एक कंपनी ने 2006-07 में वर्ली में सीजे हाउस विकसित किया था और इसकी दो मंजिलें 2007 में दाऊद इब्राहिम के सहयोगी इकबाल मेमन उर्फ ​​मिर्ची की पत्नी को दे दिया गया था. मिर्ची के परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ दायर मनी-लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में पटेल को 2019-2021 के बीच तलब किया गया. जुलाई 2022 में ईडी ने सीजे हाउस की चार मंजिलें कुर्क कर ली थीं. पटेल ने मिर्ची के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया था. ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र में पटेल को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है. हालांकि, प्रफुल्ल पटले शिंदे सरकार में शामिल नहीं हैं, लेकिन वह अजित पवार के समर्थन में खड़े हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT