Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Allahabad University ने ज्योतिषशास्त्र और अनुष्ठानों में पाठ्यक्रम की पेशकश की

Allahabad University ने ज्योतिषशास्त्र और अनुष्ठानों में पाठ्यक्रम की पेशकश की

University of Allahabad प्रवक्ता ने कहा- संस्कृत विभाग में जल्द ही वैदिक अध्ययन केंद्र की स्थापना की जाएगी.

IANS
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>Allahabad University ने ज्योतिषशास्त्र और अनुष्ठानों में पाठ्यक्रम की पेशकश की</p></div>
i

Allahabad University ने ज्योतिषशास्त्र और अनुष्ठानों में पाठ्यक्रम की पेशकश की

(फोटो-आईएएनएस)

advertisement

(आईएएनएस)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (University of Allahabad) में संस्कृत विभाग सनातन धर्म की समृद्ध विरासत के संरक्षण के उद्देश्य से ज्योतिषशास्त्र और अनुष्ठानों में एक नया पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है।

एयू प्रवक्ता ने कहा, संस्कृत विभाग में जल्द ही वैदिक अध्ययन केंद्र की स्थापना की जाएगी।

वैदिक अध्ययन पर आधारित तीन नए पाठ्यक्रमों में धार्मिक प्रथाओं और अनुष्ठानों और ज्योतिष शामिल होंगे और इन्हें अगले शैक्षणिक सत्र 2023-24 से शुरू किया जाएगा।

दो पीजी डिप्लोमा और एक पीजी कोर्स के लिए प्रवेश शुरू होगा। इसके लिए विभाग ने विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है।

संस्कृत विभाग के प्रमुख प्रोफेसर राम सेवक दुबे ने बुधवार को कहा, वैदिक अध्ययन केंद्र के तहत अनुष्ठान में डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। यह एक साल की अवधि का पाठ्यक्रम होगा, और प्रवेश पाने के लिए स्नातक की डिग्री होगी। कोई भी विषय अनिवार्य है। साथ ही ज्योतिष में डिप्लोमा भी विभाग में एक वर्षीय पाठ्यक्रम होगा जो यूजी पाठ्यक्रम के बाद किया जा सकता है।

विभाग का बौद्धिक अध्ययन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव है। यह दो वर्षीय मास्टर डिग्री प्रोग्राम होगा। स्नातक में एक विषय के रूप में संस्कृत रखने वाले छात्र इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे।

प्रोफेसर दुबे ने आगे कहा कि तीनों पाठ्यक्रमों के संचालन का प्रस्ताव कुलपति को भेजा जाएगा और इसे एकेडमिक काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा।

कार्यकारी परिषद की अंतिम मंजूरी के बाद पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। प्रवेश शैक्षणिक सत्र 2023-24 में लिए जाएंगे।

विभागाध्यक्ष ने कहा कि एयू से ज्योतिष और कर्मकांडों का अध्ययन करने के बाद छात्रों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। साथ ही, इस तरह के पाठ्यक्रम ज्योतिष सहित धीरे-धीरे लुप्त हो रही वैदिक प्रथाओं और अनुष्ठानों को संरक्षित करने में मदद करेंगे।

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT