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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सोमवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए.
वह उदयपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को तय की है. गहलोत 7 अगस्त को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए थे.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें और उनके परिवार को संजीवनी घोटाले में आरोपी बताए जाने पर सीएम गहलोत पर मानहानि का दावा किया था.
इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने 6 जुलाई को सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ समन जारी किया था. इसके खिलाफ गहलोत ने सेशन कोर्ट में रिवीजन दाखिल किया था, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली. रिवीजन कोर्ट में सीएम गहलोत को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की इजाजत दी गई.
रिवीजन कोर्ट में 1 अगस्त को सुनवाई के दौरान सीएम अशोक गहलोत की ओर से कहा गया था कि उनके पास गृह विभाग भी है और गृह मंत्री होने के नाते एसओजी उन्हें रिपोर्ट करती है. मामले को लेकर एसओजी ने उन्हें जो जानकारी दी, बस उसे सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया से साझा किया. एसओजी को मिली शिकायत में गजेंद्र सिंह के परिवार का भी नाम है, ऐसा बताया गया है.
दूसरी ओर, गजेंद्र सिंह शेखावत के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि किसी भी शिकायत में उनका नाम नहीं था. उन्होंने बताया कि मानहानि का मामला दर्ज होने के बाद कथित तथ्य एसओजी ने एकत्र किये थे.
करीब पांच महीने पहले शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का दावा किया था. इससे पहले 21 फरवरी को सचिवालय में बजट समीक्षा बैठक के बाद गहलोत ने कहा था कि गजेंद्र सिंह के माता-पिता और पत्नी समेत पूरा परिवार संजीवनी घोटाले में शामिल है.
इस घटना से पहले भी दोनों नेताओं के बीच लगातार जुबानी जंग चलती रही है.
गहलोत ने कहा था कि "पूरा घोटाला कागजों में है. गजेंद्र सिंह का मानहानि केस स्वागत योग्य है. कम से कम इसी बहाने केस आगे बढ़ेगा."
पीएम मोदी को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा था कि उन्हें गजेंद्र सिंह को अपने मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए.
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