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असम (Assam Floods) में बाढ़ से स्थिति बिगड़ती जा रही है. सोमवार (28 अगस्त) को स्थिति तब और बिगड़ गई जब एक व्यक्ति की मौत हो गई. राज्य के लगभग 2 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, शिवसागर जिले के डेमो में एक मौत की सूचना मिली है, जिससे इस साल की बाढ़ में मरने वालों की संख्या 15 हो गई है.
ASDMA की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार,वर्तमान में 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 1,90,675 लोग प्रभावित हुए हैं.सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित जिला लखीमपुर है. जहां 47,338 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर धेमाजी है, जहां 40,997 आबादी बाढ़ से प्रभावित है.
दरअसल ऊंचे इलाकों में लगातार बारिश के कारण अधिकांश नदियों का जल स्तर बढ़ गया है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बढ़ते जल स्तर के कारण ब्रह्मपुत्र नदी पर गुवाहाटी और जोरहाट के नेमाटीघाट में नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई है.
जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र स्थापित किए हैं और 427 लोगों ने इन राहत शिविरों में शरण ली है. दूसरी ओर, कई अन्य लोगों ने सड़कों, ऊंचे इलाकों और तटबंधों पर शरण ली है.
ASDMA के अनुसार बेकी, जिया-भराली, दिसांग, दिखौ और सुबनसिरी नदियां भी लाल निशान को पार कर गई हैं. अंतर्देशीय जल परिवहन विभाग ने कहा है कि ब्रह्मपुत्र के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए गुवाहाटी में नौका सेवाएं मंगलवार से निलंबित रहेंगी.
वहीं, बाढ़ के पानी में जिले की 8,086.40 हेक्टेयर फसल भूमि भी डूब गई. बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार इस प्राकृतिक आपदा से 1,30,514 घरेलू जानवरों के प्रभावित होने की खबर सामने आ रही है, जिसमें 81,340 बड़े जानवर और 11,886 मुर्गे शामिल हैं.
पिछले 24 घंटों में, उदलगुड़ी के दो इलाकों और बिस्वनाथ तथा दरांग के एक-एक इलाके से बाढ़ के पानी से तटबंध टूटने की सूचना मिली है. बाढ़ से सड़कें, पुल, बिजली के खंभे और स्कूल सहित अन्य चीजें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं.
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