Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Azam Khan पर HC की टिप्पणी, कहा- सत्ता के नशे में मदहोश होकर पद का दुरुपयोग किया

Azam Khan पर HC की टिप्पणी, कहा- सत्ता के नशे में मदहोश होकर पद का दुरुपयोग किया

HC ने कहा कि कैबिनेट मंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति जब कपटपूर्ण आचरण करता है, तो उससे जनता का विश्वास डगमगाता है.

क्विंट हिंदी
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>आजम खान</p></div>
i

आजम खान

(फोटो- अलटर्ड बाई क्विंट)

advertisement

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की 87वें मामले में मिली जमानत के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि आजम खान ने सत्ता के नशे में मदहोश होकर अपने पद का दुरुपयोग किया था. कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि आजम अपने सपनों को पूरा करने के लिए जौहर यूनिवर्सिटी के नाम पर कारोबारी की तरह काम करते रहे. इस मामले में कई जगह ठगने जैसा काम किया गया है.

आजम खान को लेकर कोर्ट ने आगे कहा कि केवल वस्तु ही पवित्र नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसके साधन भी सही और पारदर्शी होने चाहिए. यूनिवर्सिटी का निर्माण एक अच्छा काम, लेकिन उसे तैयार करने में उपयोग किए गए साधन व कदम सही नहीं.

हाईकोर्ट ने कहा कि आजम खान की ओर से उठाए गए कदम एक ड्रीम प्रोजेक्ट की पवित्रता पर सवालिया निशान हैं. कैबिनेट मंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति जब कपटपूर्ण आचरण करता है, तो उससे जनता का विश्वास डगमगाता है.

शक्ति मनुष्य को भ्रष्ट करती हैः कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि शक्ति मनुष्य को भ्रष्ट करती है और अगर पूर्ण शक्ति मिल जाए तो उसे पूरी तरह से भ्रष्ट कर देती है. पूर्ण शक्ति मिलने पर आदमी भगवान को भी नहीं छोड़ता. आमतौर पर ऐसा होता है कि जो लोग सत्ता में होते हैं, उनके मन में अक्सर लोगों का हित नहीं होता. वह मुख्य रूप से स्वयं के लाभों पर केंद्रित होते हैं और खुद की मदद करने के लिए अपनी स्थिति और शक्ति का दुरुपयोग करते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

यूनिवर्सिटी के भेष में व्यापार कर रहे थे आजम खानः कोर्ट

कोर्ट ने आगे कहा कि आजम खान ने यूनिवर्सिटी की स्थापना और संचालन के लिए अवैध और गलत तरीकों का इस्तेमाल किया और किसी भी हद तक चले गए. उन्होंने यूनिवर्सिटी को अपनी जागीर समझा और इसी नाते स्थाई कुलाधिपति बन गए. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना व्यापार कतई नहीं हो सकता, क्योंकि इसका पहला लक्ष्य कर्तव्य ज्ञान सिखाना होता है. ऐसा लगता है कि आजम यूनिवर्सिटी की स्थापना के भेष में व्यापार कर रहे थे और गलत तरीके से एक खाली जमीन को हथियाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया.

उच्च लक्ष्य प्राप्ति के लिए साधन की पवित्रता बेहद जरूरीः कोर्ट

अदालत ने अपने फैसले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संदेशों का उदाहरण दिया. कोर्ट ने कहा कि उच्च लक्ष्य प्राप्ति के लिए साधन की पवित्रता बेहद जरूरी होती है. धर्म की आड़ में अवैध तरीके से जमीन हड़पना कतई ठीक नहीं है. कोर्ट ने अपने फैसले में महान विचारक और दार्शनिक सैनिका के कथन का भी उदाहरण दिया. कोर्ट ने कहा कि धर्म को आम लोग सत्य- बुद्धिमान लोग असत्य और शासक उपयोगी मानते हैं. आजम ने सत्ता और पद के नशे में मदहोश होकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया.

कोर्ट ने अपने फैसले में ब्रिटिश इतिहासकार लाड एक्टन के सिद्धांत का भी जिक्र किया और कहा कि किसी व्यक्ति की नैतिकता की भावना उसकी शक्ति बढ़ने के साथ खत्म हो जाती है. इस केस को देखने के बाद यह लगता है कि यह सिद्धांत आज भी चल रहा है. अदालत ने इन्हीं तल्ख टिप्पणियों के साथ आजम खान को पूर्णकालिक जमानत नहीं दी और सिर्फ अंतरिम जमानत दी. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आजम खान जब विवादित जमीन सरकारी अमले को कब्जे में दे देंगे तभी उन्हें नियमित जमानत मिलेगी.

जमानत बंदी का अधिकारः कोर्ट

अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि जमानत किसी भी बंदी का अधिकार है और जेल अपवाद होती है. आजम खान को उनकी 72 साल की उम्र और खराब स्वास्थ्य की वजह से अंतरिम जमानत दी जा रही है. अदालत ने तकरीबन ढाई साल से जेल में बंद रहने के मानवीय आधार पर जमानत देने की बात कही है. अदालत ने जमानत के लिए पासपोर्ट जमा करने को भी कहा. इसके साथ ही नियमित रूप से संबंधित कोर्ट या थाने में खुद पेश होकर या वकील के जरिए उपस्थिति दर्ज कराने को भी कहा है. हाई कोर्ट ने निचली अदालत को इस केस का ट्रायल एक साल में पूरा करने के निर्देश भी दिए हैं.

बता दें, आजम की जमानत अर्जी पर मंगलवार शाम को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था. ये फैसला जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की बेंच ने सुनाया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT