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Chhattisgarh बारिश से बेहाल, सड़कें डूबी, घरों में भरा पानी- रेड अलर्ट जारी

chhattisgarh: इंद्रावती, संकनी-डंकनी, शबरी और छोटे नदी-नाले उफान पर, अंदरूनी इलाकों में आवागमन बंद.

क्विंट हिंदी
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<div class="paragraphs"><p>Chhattisgarh: सुकमा-बस्तर में जनजीवन अस्त व्यस्त, जोखिम उठाकर नदी पार कर रहे लोग</p></div>
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Chhattisgarh: सुकमा-बस्तर में जनजीवन अस्त व्यस्त, जोखिम उठाकर नदी पार कर रहे लोग

फोटो- क्विंट

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देश के कई हिस्सों में जारी बारिश ने रोजमर्रा की जिंदगी को पटरी से उतार दिया है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्य बारिश की मार झेल रहे हैं. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Heavy Rains) के बस्तर में पिछले करीब एक हफ्ते से लगातार बारीश हो रही है. कई नदी-नाले उफान पर हैं. सुकमा में एनएच-30 कोंटा और चट्टी के बीच वीरापुरम के पास सड़क पूरी तरह से डूब गई. आवगमन ठप है, सब कुछ अस्त व्यस्त है.

एक दिन पहले ही राज्य में रेड अलर्ट जारी किया गया है और मौसम विभाग ने भी भारी से भारी बारिश की चेतावनी दी है. इस बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि बाढ़ जैसे हालातों में आम लोग कैसे परेशान हैं. सुकमा के एक वीडियो में मां-बाप अपने बच्चे को बड़े बर्तनों में रखकर फिर नदी पार कर रहे हैं ताकि वे किसी सुरक्षित जगह पर पहुंच सके.

मां-बाप अपने बच्चे को बड़े बर्तनों में रखकर फिर नदी पार कर रहे हैं

फोटो- स्क्रीनग्रैब

छत्तसीगढ़ के बस्तर संभाग से तीन राज्यों (छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) से बस्तर का संपर्क टूट चूका है.

सुकमा जिले के कोंटा अनुविभागीय दंडाधिकारी बंशी नेताम ने बताया कि इंद्रावती, संकनी-डंकनी, शबरी और छोटे नदी-नाले उफान पर हैं. जिसके चलते अंदरूनी इलाकों में आवागमन बंद है. आज चौथे दिन भी हैदाराबाद-जगदलपुर-रायपुर हवाई सेवा बंद है. शबरी नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. फिलहाल खतरे के निशान से डेढ़ मीटर कम है.

लेकिन वहीं गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ जाने से आंध्र प्रदेश-ओडिशा, तेंलगाना से संपर्क टूट चुका है. नेताम ने बताया कि कोंटा में 9 राहत शिविर बनाये गए हैं. कुछ इलाके में राजस्व अमला को कार्यभार सौंपा गया है. अंदरूनी इलाकों में स्थानीय युवकों की एक टीम बनाई गई है जहां तक पहुंच नहीं हो पा रही है. इस टीम का संपर्क सीधा कोंटा मुख्यालय से है. उन्होंने बताया कि स्थिति ऐसी ही रही तो शाम तक लोगों को राहत शिविर में लाया जाएगा.

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