Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Crime Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Jharkhand में सालों से डायन के नाम पर महिलाओं के साथ अत्याचार, हत्याएं

Jharkhand में सालों से डायन के नाम पर महिलाओं के साथ अत्याचार, हत्याएं

अत्याचार भी इस कदर कि उन्हें पीटा जा रहा, जान से मारा जा रहा है और मैला खाने पर विवश किया जा रहा

विष्णुकांत तिवारी
क्राइम
Published:
<div class="paragraphs"><p>डारखंड की डायन</p></div>
i

डारखंड की डायन

Quint Hindi

advertisement

इस डॉक्यूमेंट्री को सपोर्ट करने के लिए यहां क्लिक करें: https://bit.ly/3FUlqKg

हम और आप जब तसल्ली से अपने-अपने घरों में बैठकर अपनी जिंदगी में मशगूल हैं, उस वक्त, झारखंड में हर दिन कोई ना कोई महिला डायन – बिसाही का आरोप सहती है. Jharkhand की महिलाओं के साथ 2022 में भी उन्हें डायन बताकर अत्याचार किया जा रहा है. अत्याचार भी इस कदर की उन्हें पीटा जा रहा, जान से मारा जा रहा है और मैला खाने पर विवश किया जा रहा.जल्द आ रही है "झारखंड की डायन" नाम से हमारी डॉक्यूमेंट्री.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हम देख रहे हैं कि महिलाओं को प्रताड़ित किया गया, अपमानित किया गया, नग्न घुमाया गया और अंततः मार डाला गया. हम स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद दबा दी गई इन आवाजों को आपतक लाने की कोशिश कर रहे हैं.

विच-हंटिंग का शिकार हो रही हैं महिलाएं

"मेरी मां डायन नहीं है, अगर वास्तव में मेरी मां के पास डायन जैसी शक्तियां होती, तो जिस समय लोग उनपर अत्याचार कर रहे थे उस वक्त मम्मी सबसे पहले उनको चोट पहुंचाती."

ये कहना है 40 वर्षीय अतुल महतो का, जिनकी मां छुटनी महतो को भारत सरकार ने डायन बिसाही के खिलाफ उनके संघर्ष को सम्मानित करते हुए उन्हें 2021 में पद्म श्री से नवाजा है.

1995 में खुद डायन बिसाही के आरोप और उसके बाद यातनाएं झेलने वाली छूटनी कहती हैं कि बीते 27 वर्षों में झारखंड में डायन हत्या के हालत लगभग वैसे ही बने हुए हैं. हम और आप जब तसल्ली से अपने अपने घरों में बैठे अपनी जिंदगी में मशगूल हैं, उस वक्त, झारखंड में हर दिन कोई ना कोई महिला डायन – बिसाही का आरोप सहती है.

क्विंट हिंदी की मुहिम

झारखंड में महिलाओं को डायन के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है, मारा जा रहा है मैला पीने पर विवश किया जा रहा है और अधिकतर मामलों में इन सबके बाद महिलाओं की हत्या भी की जा रही हैं. झारखंड के गली, कूचे, कस्बे, शहरों और गांवों की महिलाओं की कहानियां, हम आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. वो कहानियां जो रोजमर्रा की भागदौड़ में कहीं दबी रह जाती हैं.

"झारखंड की डायन" नामक हमारी इस डॉक्यूमेंट्री में वक्त और मेहनत के अलावा हमें लगभग 13 लाख 90 हजार रुपयों की आवश्यकता है. इन कहानियों को आप तक पहुंचाने में सिर्फ आप ही हमारी मदद कर सकते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT