Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Crime Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019फेक एनकाउंटर केस में मुंबई पुलिस अधिकारियों की सजा बरकरार, प्रदीप शर्मा को उम्रकैद

फेक एनकाउंटर केस में मुंबई पुलिस अधिकारियों की सजा बरकरार, प्रदीप शर्मा को उम्रकैद

Pradeep Sharma को लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में सजा हुई है, कथित तौर पर लखन छोटा राजन का पूर्व सहयोगी था.

क्विंट हिंदी
क्राइम
Published:
<div class="paragraphs"><p>फेक एनकाउंटर केस में मुंबई पुलिस अधिकारियों की सजा बरकरार, प्रदीप शर्मा को उम्रकैद</p></div>
i

फेक एनकाउंटर केस में मुंबई पुलिस अधिकारियों की सजा बरकरार, प्रदीप शर्मा को उम्रकैद

फाइल फोटो

advertisement

बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने मंगलवार, 19 मार्च को मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट (Encounter Specialist) प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 12 पुलिस कर्मियों सहित 13 अन्य को दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है. ये सजा 2006 में लखन भैया (Lakhan) के फर्जी मुठभेड़ (Fake Encounter) में हत्या के मामले में दी गई है. कथित तौर पर लखन कुख्यात गैंगस्टर छोटा राजन का पूर्व सहयोगी था.

बता दें कि ये पहली बार है जब किसी फर्जी एनकाउंटर में पुलिस अधिकारी को सजा सुनाई गई है.

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

हाई कोर्ट ने 13 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी और छह नागरिकों को बरी कर दिया है. एक नागरिक और एक पुलिसकर्मी के खिलाफ आपराधिक मामला भी रद्द किया गया है क्योंकि सजा के बाद उनकी मौत हो गई थी.

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे ने 8 नवंबर, 2023 को फैसले के लिए अपील सुरक्षित रख ली थी. प्रदीप शर्मा को पहले बरी कर दिया गया था लेकिन अब उन्हें तीन हफ्ते के अंदर सरेंडर करने के लिए कहा गया है. कोर्ट ने कहा एनकाउंट फेक था ये साबित हो चुका है.

हालांकि, कोर्ट ने 2011 में गवाही से कुछ दिन पहले एकमात्र चश्मदीद गवाह अनिल भेड़ा की "भीषण" मौत पर शोक व्यक्त किया, इसे "शर्मनाक" और "न्याय का मजाक" करार दिया क्योंकि मुख्य गवाह की जान चली गई, लेकिन किसी पर भी मामला दर्ज नहीं किया गया.

ट्रायल कोर्ट द्वारा बरी किए जाने वाले एकमात्र आरोपी प्रदीप शर्मा के बारे में, हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल जज द्वारा सभी परिस्थितियों को "अनदेखा" करके बरी करने का निष्कर्ष "गलत" और "अस्थिर" था.

कोर्ट ने कहा कि “परिस्थितियां प्रदीप शर्मा के अपराध की ओर इशारा करती हैं.”
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

केस क्या है, जिसे कोर्ट ने फेक एनकाउंटर बताया?

  • वाशी के रहने वाले 33 वर्षीय रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया जो कथित तौर पर एक पूर्व गैंगस्टर थे उनका अपहरण कर लिया गया और 11 नवंबर, 2006 को वर्सोवा में एक फर्जी पुलिस एनकाउंटर में उनकी हत्या कर दी गई थी.

  • विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आरोप लगाया कि एनकाउंटर का नेतृत्व पूर्व वरिष्ठ इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा कर रहे थे जिन्होंने लखन भैया के प्रतिद्वंदी बिजनेस पार्टनर के साथ मिलकर उन्हें परेशान करने की साजिश रची थी.

  • लेकिन जब केस चला तो जुलाई 2013 में, मुख्य आरोपी प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया गया, जबकि तीन अन्य पुलिसकर्मी - इंस्पेक्टर प्रदीप सूर्यवंशी, दिलीप पलांडे और कांस्टेबल तानाजी देसाई - को हत्या का दोषी ठहराया गया. बाकी 18 आरोपियों को मुठभेड़ के लिए उकसाने का दोषी ठहराया गया.

  • ट्रायल कोर्ट ने उस बैलिस्टिक रिपोर्ट पर विश्वास नहीं किया जिसमें दिखाया गया था कि लखन भैया के सिर से बरामद गोली शर्मा की बंदूक से चली थी. हालांकि बाद में लखन भैया का भाई रामप्रसाद गुप्ता ने अपने भाई के कथित अपराधियों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

कौन हैं प्रदीप शर्मा- द एनकाउंटर स्पेशलिस्ट

  • प्रदीप शर्मा 1983 बैच के महाराष्ट्र पुलिस अधिकारी रह चुके हैं, जिन पर 25 साल की पुलिस सेवा में 112 गैंगस्टरों को मारने का आरोप है. उन्हें पहली बार 2008 में अंडरवर्ल्ड के साथ उनके संबंधों और 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित करने के आरोप के कारण संविधान के एक अधिनियम के तहत बर्खास्त कर दिया गया था.

  • 2009 में उन्हें इन आरोपों से बरी कर दिया गया था और एक इंस्पेक्टर के रूप में बहाल किया गया था, इसी के बाद उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया था. जनवरी 2010 में लखन भैया की हत्या के मामले में फिर बर्खास्त कर दिया गया था.

हालांकि 2013 में उन्हें बरी कर दिया गया था लेकिन फिर से शर्मा को 2021में एंटीलिया बम कांड (मुकेश अंबानी का घर) और मनसुख हिरेन मर्डर केस में फिर से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने शर्मा को जमानत दे दी थी.

और अब उन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा हो गई है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT