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Haryana Violence: हरियाणा के नूंह में सोमवार, 31 जुलाई को धार्मिक जुलूस के दौरान भड़की हिंसा में दो होमगार्ड जवानों की मौत हो गयी. इसमें फतेहाबाद के फतेहपुरी गांव के निवासी होमगार्ड जवान गुरसेव सिंह (32) भी शामिल हैं.
घटना के वक्त गुरसेव ड्यूटी पर थे और पुलिस टीम के साथ गुरुग्राम से मेवात जा रहे थे. इसी दौरान दंगाइयों ने गाड़ी पर पथराव व फायरिंग कर दी, जिसमें गुरसेव शहीद हो गये. हालांकि, गंभीर हालत में गुरसेवक को सोहना के सर्वा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया.
गुरसेव सिंह के पिता सेंसी सिंह किसान हैं, जबकि मां गृहणी हैं. घटना की सूचना मिलते ही परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. मां को इंतजार है कि उनका बेटा वापस आएगा. मां ने कहा, "वो अकेले घर चलाने वाला था, अब जब वो नहीं रहा तो हरा चारा कौन लाएगा? उसके बच्चों का क्या होगा, हमें नहीं पता था कि सेवक एक दिन इस प्रकार चला जाएगा."
गुरसेव की पत्नी ने बताया कि सोमवार को उनसे बात हुई थी, उसके बाद से वो लगातार फोन कर रही थी लेकिन बात नहीं हुई. उन्होंने कहा, "बुधवार (2 अगस्त) को बरेटा में रिश्तेदार के यहां जागरण में जाना था. गुरसेव मोबाइल में ट्रेन की टिकट देख रहे थे. उनसे 12 से 2 बजे तक कई बार इसी को लेकर बात हो रही थी."
परिजनों के अनुसार, गुरसेव अंतिम बार 24 जुलाई को घर से ड्यूटी पर गये थे. उसके बाद से घर नहीं लौटे. उनकी पत्नी ने कहा, "अब तो कोई बता दे कि मेरे पति के साथ क्या बीती?"
जानकारी के अनुसार, गुरसेव सिंह 10 वर्ष पहले होमगार्ड में तैनात हुए थे. फिलहाल वो फतेहाबाद जिले में ही तैनात थे. लेकिन 7 जुलाई को ही उन्हें अस्थाई रूप से गुरुग्राम भेजा गया था. उनकी वहां पर खेड़की दौला थाने में पोस्टिंग थी.
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