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हरियाणा दंगे का प्लॉट कैसे तैयार हुआ? मोनू मानेसर के वीडियो-सोशल मीडिया का रोल?

Haryana Violence: क्या हरियाणा पुलिस सोशल मीडिया पर सुलगती हिंसा को भांपने और रोकने में नाकाम रही?

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भारत
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हरियाणा (Haryana Violence) के नूंह में 31 जुलाई को हिंसा भड़क उठी. कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. तोड़फोड़ हुई. फायरिंग की भी खबर आई. 2 होमगार्ड और 3 अन्य लोगों की मौत हो गई. हिंसा इतनी तेज थी कि अन्य जिलों में भी असर दिखा. गुरुग्राम में मस्जिद में आग लगा दी गई. इमाम की मौत हो गई. कुल 44 FIR दर्ज हुई. करीब 70 लोगों को हिरासत में लिया गया. ये सब 31 जुलाई की दोपहर को शुरू हुआ, लेकिन पिछले दो तीन दिन की घटनाओं को देखें तो पता चलता है कि शायद सब कुछ अचानक नहीं हुआ.

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हर साल की तरह 31 जुलाई की शुरू हुई शोभा यात्रा

हरियाणा के नूंह में सोमवार, 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा के दौरान दो समुदायों में शुरू हुई हिंसा ने विकराल रूप लिया, पहले गाड़ियां आग के हवाले की गयीं और बाद में हिंसा की यह आग गुरुग्राम के एक मस्जिद तक भी पहुंची. नूंह से शुरू हुई हिंसा गुरुग्राम से होते हुए पलवल पहुंच गयी. प्रशासन को नूंह, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद और रेवाड़ी में धारा 144 लगानी पड़ी है. इस सांप्रदायिक हिंसा ने अब तक 2 पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की जान ले ली है.

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मोनू मानेसर का वीडियो

हरियाणा हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर एक नाम जो बार-बार सामने आ रहा है. यह नाम है मोनू मानेसर का, जो एक तरफ तो अपने आप को गो-रक्षक बताता है वहीं दूसरी तरफ यह जुनैद-नासिर हत्याकांड में नामजद आरोपी है. जिस शोभायात्रा में यह हिंसा भड़की मोनू मानेसर ने उसमें आने का ऐलान पहले ही सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर किया था. इसका विरोध दूसरे समुदाय के लोग कर रहे थे.

मोनू मानेसर ने अपने वीडियो में क्या कहा था?

मोनू मानेसर ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर कहा था कि वो 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा में शामिल होगा. मोनू ने कहा था कि

"जय गौमाता, जय श्रीराम, मैं आपका भाई मोनू मानेसर, बजरंग दल प्रांत गौरक्षा प्रमुख, हरियाणा से. सभी भाइयों को बड़ी खुशी के साथ बताया जा रहा है कि 31 जुलाई 2023 दिन सोमवार को मेवात बृजमंडल यात्रा है. सभी भाई बढ़-चढ़कर हिस्सा लें. मेवात के सभी मंदिरों में जाएं. ज्यादा से ज्यादा संख्या में जाएं. हम खुद यात्रा में शामिल रहेंगे. हमारी पूरी टीम इस यात्रा में शामिल रहेगी."

इसके बाद से ही इलाके में तनाव बढ़ गया था. मोनू मानेसर के यात्रा में शामिल होने से एक समुदाय नाराज था.

सोशल मीडिया सुलग रहा था

मोनू के ऐलान वाला यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा था और इससे पैदा हुआ सांप्रदायिक तनाव इन वीडियो के कमेंट बॉक्स में साफ नजर आ रहा था. एक तरफ एक समुदाय मोनू को खुलकर समर्थन देने की बात कर रहा था वहीं दूसरा समुदाय उसे न आने की चेतवानी दे रहा था. कई का कहना था कि समुदाय विशेष को मामला अपने हाथ में लेना चाहिए.

Haryana Violence: क्या हरियाणा पुलिस सोशल मीडिया पर सुलगती हिंसा को भांपने और रोकने में नाकाम रही?
Haryana Violence: क्या हरियाणा पुलिस सोशल मीडिया पर सुलगती हिंसा को भांपने और रोकने में नाकाम रही?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल है जिसमें मोनू को एक युवक गंभीर धमकी देता दिखा. वीडियो में एक साथ कई सिलेंडर देखे गए और उसके साथ लगे कैप्शन का टोन हिंसक था. (क्विंट हिंदी इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.)

Haryana Violence: क्या हरियाणा पुलिस सोशल मीडिया पर सुलगती हिंसा को भांपने और रोकने में नाकाम रही?
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‘कहीं मोनू मानेसर का नाम आ रहा है. कहीं बिट्टू बजरंगी का’- नूंह के कांग्रेस विधायक का आरोप

हिंसा भड़कने के बाद नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने मोनू मानेसर पर बड़े आरोप लगाए हैं. एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि मोनू मानेसर समेत कई लोगों ने वीडियो डालकर चैलेंज दिया और लोगों को उकसाया.

पुलिस प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए नूंह विधायक ने कहा कि पुलिस ने भी लापरवाही बरती है. उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रशासन और पुलिस को इस तनाव की जानकारी थी लेकिन इसके बावजूद कदम नहीं उठाया गया और उन्होंने प्रशासन के स्तर पर ऐसी विफलता पहले कभी नहीं देखा.

स्थानीय लोगों ने किया था मोनू के आने का विरोध

मोनू मानेसर के मेवात आने के बयान को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया था. मेवात के कुछ लोगों ने विरोध जताते हुए कहा था कि मोनू मानेसर नासिर-जुनैद हत्याकांड के अलावा कई मामलों में आरोपी है, फिर पुलिस उसे गिरफ्तार क्यों नहीं करती. मोनू मानेसर खुलेआम घूम रहा है और सोशल मीडिया के जरिए मेवात आने की चेतावनी दे रहा है.

हिंसा के पहले ही स्थानीय लोग कह रहे थे कि अगर मोनू मेवात आता है तो यहां पर सदियों से कायम हिंदू मुस्लिम भाईचारे में दरार पड़ सकती है.
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पुलिस को मोनू के वीडियो और उसके विरोध की जानकारी थी

हरियाणा की एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह ने पूरी हिंसा में मोनू मानेसर की भूमिका पर कहा है कि दोनों तरफ से भड़काऊ वीडियो आये थे और पुलिस ने दोनों पर तत्काल एक्शन लिया था.

“हमने उस मुताबिक फोर्स की तैनाती की थी लेकिन कब परिस्थिति हाथ से निकल जाए, आप लॉ एंड आर्डर में कुछ चीजों का पूर्वानुमान नहीं कर सकते. पुलिस की ओर से तैयारी कम थी या ज्यादा, यह विश्लेषण का विषय है. इंटेलिजेंस के स्तर पर कितना काम हुआ, यह भी विश्लेषण का विषय है.”
ममता सिंह , एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

“हरियाणा में हुई हिंसा षड्यंत्र का हिस्सा”- सीएम खट्टर

हिंसा में डूबे सूबे के मुख्यमंत्री, मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "समाज की एक यात्रा जो हर वर्ष निकलती है, उसका आयोजन किया जा रहा था, लेकिन कुछ लोगों ने एक षड्यंत्र रच कर उस यात्रा पर आक्रमण करना शुरू किया. आक्रमण करने वालों ने यात्रा के साथ पुलिस पर भी हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप यात्रा को भंग किया गया और बहुत सी जगहों पर आगजनी भी हुई, गाड़ियां जला दी गई, ये निश्चित रूप से बड़े षड्यंत्र का हिस्सा लगता है."

‘मोनू मानेसर का इससे कोई ताल्लुक नहीं’- गृह मंत्री अनिल विज

जहां एक तरफ हरियाणा की एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह कह रही हैं कि पुलिस को दोनों समुदायों से आए भड़काऊ वीडियो की जानकारी थी, वहीं सूबे के गृह मंत्री अनिल विज कह रहे हैं कि अगर उन्हें हिंसा का अंदेशा पहले होता तो वहां पहले ही फोर्स की तैनाती कर दी जाती.

“नॉर्मल कार्यक्रम था. किसी ने भड़काऊ भाषण नहीं दिए हैं. फिर भी ऐसे हिंसा का फैलना, इतनी पत्थरबाजी और गोलियों का चलना, कोई न कोई तो इसके पीछे मास्टरमाइंड है.”

एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में गृह मंत्री अनिल विज ने मोनू मानेसर को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि मोनू मानेसर का इससे कोई ताल्लुक नहीं है. यह यात्रा विश्व हिंदू परिषद की थी जो हर साल निकलती है.

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