advertisement
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ( National Crime Record Bureau) के 2020 के आंकड़े राजस्थान (Rajasthan) के लिए बिल्कुल अच्छे नहीं रहे. NCRB के आंकड़ों से पता चला है कि राजस्थान में देश में सबसे ज्यादा रेप (Rape) के मामले दर्ज किए गए हैं.
हालांकि इसमें उत्तर प्रदेश का भी कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा और वो रेप के मामलों में राजस्थान के बाद दूसरे नंबर पर है.
रेप के मामलों में टॉप करने के बावजूद राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में लगभग 16% की गिरावट देखी गई है. इसमें ये राज्य 34,535 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर है. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 49,385 और पश्चिम बंगाल में 36,439 मामले दर्ज किए गए हैं.
राजस्थान में कुल रेप सर्वाइवर में से 1,279, 18 साल से कम उम्र के हैं जबकि 4,031 वयस्क हैं. आधे से अधिक रेप के मामलों में अपराधी कथित रूप से पारिवारिक दोस्त, पड़ोसी, कर्मचारी या कोई जानकर लोग ही थे.
राजस्थान में अनुसूचित जातियों के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले बीते तीन सालों से बढ़ ही रहे हैं जो सरकार के लिए भी चिंता का कारण है.
एडीजी, क्राइम, रवि प्रकाश मेहरदा ने कथित तौर पर कहा कि मुफ्त में रजिस्ट्रेशन के कारण मामलों की संख्या अधिक है. उन्होंने कहा कि रेप के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन जांच के बाद लगभग 42% झूठे आरोप पाए जाते हैं या कभी-कभी, विक्टिम और आरोपी समझौता कर लेते हैं.
एडीजी ने ये भी बताया कि यहां तक कि एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि अपराध में बढ़ोतरी और पुलिस के अपराध रजिस्ट्रेशन का बढ़ना दो अलग-अलग चीजें हैं.
इस बीच, बिजेपी प्रवक्ता मुकेश पारीक ने भी कथित तौर कहा कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में फेल रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के पास ही होम डिपार्टमेंट है लेकिन वो अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)