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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कहा कि उसने एक लाख रुपये की रिश्वत के मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में तैनात एक प्रोफेसर और ओखला स्थित एक निजी कंपनी से दो अन्य को गिरफ्तार किया है. इसी प्रोफेसर ने Chintels Paradiso बिल्डिंग को सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी किया था जो ढह गया था.
प्रोफेसर की पहचान मोहम्मद खालिद मोइन के रूप में हुई, जबकि दो अन्य की पहचान प्रखर पवार और आबिद खान के रूप में हुई। ये दोनों व्योम आर्किटेक्ट कंपनी के कर्मचारी थे।
एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने कहा, आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि प्रोफेसर विभिन्न निजी बिल्डरों, वास्तुकारों, बिचौलियों आदि के प्रतिनिधियों के साथ साजिश करके परियोजनाओं के लिए स्ट्रक्चरल स्टैबिलिटी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए विभिन्न गतिविधियों में लिप्त था.
सीबीआई ने जाल बिछाकर प्रोफेसर व दो कर्मचारियों को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते व देते हुए पकड़ लिया.
अधिकारी ने बताया कि आरोपी के परिसरों की तलाशी ली जा रही है.
सीबीआई अधिकारी ने कहा, गिरफ्तार आरोपी को दिल्ली की नामित अदालत में पेश किया जाएगा.
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