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"मैं अपने घर पर एक रात के लिए भी सो नहीं सकी" संगीता ने अफसोस जताते हुए कहा. संगीता की आंखें गुरुग्राम के Chintels Paradiso में अपने सपनों के घर की बालकनी पर लगे झूले पर टिकी हुई थी.
45 वर्षीया गृहिणी संगीता के परिवार ने हाल ही में 7 फरवरी को गृह प्रवेश किया था. दो दिन बाद, जब वे आठवीं मंजिल पर घर बनाना लगभग समाप्त कर चुके थे तभी संगीता ने अचानक गड़गड़ाहट की आवाज सुनी.
यह इतना भीषण हादसा था कि डी ब्लॉक के दो निवासियों की मलबे में जिंदा दफन होने से मौत हो गई. निवासियों का आरोप है कि फ्लैट घटिया गुणवत्ता के थे और डेवलपर छठी मंजिल पर मरम्मत नीचे की मंजिलों को कोई सपोर्ट दिए बिना कर रहे थे.
इस बीच 11 फरवरी को एक ट्वीट में Chintels Paradiso समूह के प्रबंध निदेशक प्रशांत सोलोमन ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया, और दावा किया की मरम्मत छठी मंजिल के निवासी द्वारा की जा रही थी.
मलबे के गिरने के बारे में निवासियों ने आरोप लगाया था कि ऊपर छठी मंजिल पर काम कराने के वजह से यह हादसा हुआ है. इसका मतलब यह भी था कि संगीता अब अपने घर वापस नहीं जा सकती थी, उस बालकनी में तो बैठ ही नहीं सकती जिसे उसने पूरे दिल से सजाया था. 18 मंजिलों में फैला, डी ब्लॉक कभी लगभग 36 परिवारों का घर था. हालांकि, केवल छठी मंजिल के नीचे के अपार्टमेंट के रहने वाले कमरे की छतें प्रभावित हुईं हैं लेकिन पूरी इमारत को खाली कर दिया गया, जिससे इसके निवासी कुछ ही सेकंड में बेघर हो गए हैं.
डीटीसीपी ने कहा है कि Chintels Paradiso प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की लागत वहन करेगा, चिंटेल्स पाराडिसो के निवासियों ने इस घटना में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के साथ-साथ सीबीआई जांच की मांग की है.
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