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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कानून व्यवस्था कागजों पर ही नजर आती दिख रही है. प्रदेश में सुरक्षा रेंगती हुई मालूम पड़ती है. पुलिस (UP Police) जो लोगों को सुरक्षा और भरोसा देने की लिए सरकार से तनख्वाह लेती है, उसी पुलिस को उत्तर प्रदेश में लोगों पर मनमानी करते देखी जा सकता है. ताजा मामला कानपुर (Kanpur) का है जहां एक व्यापारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई. शिवली पुलिस ने लूट के शक में बलवंत को गिरफ्तार किया था. परिजनों का आरोप है कि कस्टडी में बलवंत को बेरहमी से पीटा गया जिसके चलते उसकी मौत हुई. उत्तर प्रदेश के मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission) ने मामले का संज्ञान लिया है.
12 दिसंबर को लूट के शक में बलवंत सिंह को शिवली पुलिस ने गिरफ्तार किया जिसके बाद शिवली पुलिस बलवंत को ठाने ले गई. परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तार बलवंत को कस्टडी में पीटा गया जिसके बाद बलवंत की मौत हो गई. मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. आला अधिकारियों ने सख्त कार्रवाई के आश्वासन दिए जिसके बाद शव का दाह संस्कार करवाया गया.
पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. मामले से संबंधित SOG इंचार्ज प्रशांत गौतम को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश के मानवाधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है. अबतक मामले में 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए हैं. वहीं फरार पुलिसवालों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस विभाग ने 6 टीमें लगा दी है.
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