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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज (Kasganj) जिले के अमापुर थाने में गंभीर अवस्था में मिले 20 वर्षीय दलित युवक गौरव की घटना के 5 दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस के अनुसार 9 फरवरी 2024 को थाने में बने शौचालय में रोशनदान के सहारे गौरव ने आत्महत्या की कोशिश की थी. वहीं परिजनों का आरोप था कि पुलिस कस्टडी में गौरव के साथ बर्बरता हुई जिसके बाद उसकी मौत हुई. लेकिन अब उसे आत्महत्या बताया जा रहा है.
घटना के तुरंत बाद आनन-फानन में गौरव को अलीगढ़ रेफर किया गया था. यहां 5 दिनों तक उसकी हालत गंभीर बनी रही. अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में वह जिंदगी और मौत की जंग लड़ता रहा. आखिर में 14 फरवरी को उसने अंतिम सांस ली. पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच 15 फरवरी की शाम उसका अंतिम संस्कार हुआ.
नाबालिग लड़की को भगाने के एक मामले में 3 फरवरी को अमापुर थाने की पुलिस गौरव को उठाकर थाने लाई थी. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने गौरव को 6 दिन तक थाने की हवालात में रखा.
छठे दिन यानी 9 फरवरी को जब उसकी हालत बिगड़ी तो इसकी जानकारी परिजनों को हुई. पुलिस के रवैये को लेकर परिजन और स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी थी. तनाव की स्थिति के बीच गांव वालों का पुलिस पर पत्थरबाजी की घटना भी सामने आई. हालांकि हल्का बल प्रयोग कर पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण किया था.
भारी सुरक्षा के बीच गौरव का पार्थिव शरीर 14 फरवरी की शाम उसके गांव रसलुआ सुलेहपुर लाया गया लेकिन अंधेरा होने के कारण शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया.
गौरव के परिजन पुलिसकर्मियों पर कस्टडी में बर्बरता का आरोप लगाते हुए इंसाफ की मांग कर रहे हैं. आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के अलावा एक करोड़ रूपये मुआवजा, 10 बीघा जमीन और एक सरकारी नौकरी की मांग भी की गई है.
दलित युवक गौरव द्वारा थाने में कथित रूप से आत्महत्या के प्रयास के मामले में स्थानीय पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर दो नामजद सहित अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था.
गंभीर आरोपों से घिरी कासगंज पुलिस ने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है. कासगंज पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक ने अपने बयान में कहा इस मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है. विभागीय कार्रवाई में अमापुर थाने के एसएचओ और जांच अधिकारी को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है.
(इनपुट- प्रशांत भारद्वाज)
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