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(चेतावनी: इस खबर में सुसाइड का जिक्र है. पाठक अपने विवेक का इस्तेमाल करें. अगर आपको सुसाइड के विचार आते हैं या आप किसी ऐसे को जानते हैं जिसे ऐसे ख्याल आते हैं , तो कृपया उनके पास पहुंचें और स्थानीय आपातकालीन सेवाओं, हेल्पलाइनों और मानसिक स्वास्थ्य NGO's के इन नंबरों पर कॉल करें))
सोमवार, 29 जनवरी को कोटा (Kota) में 18 वर्षीय JEE अभ्यर्थी निहारिका सोलंकी की सुसाइड से मौत हो गई. सोलंकी कोटा के बोरखेड़ा की रहने वाली थी और 31 जनवरी को उसे परीक्षा में शामिल होना था.
निहारिका के कथित सुसाइड नोट में उसने लिखा, “मम्मी पापा मैं JEE नहीं कर सकती इसलिए आत्महत्या कर रही हूं. मैं लूजर हूं. मैं सबसे खराब बेटी हूं. सॉरी मम्मी, पापा! यही आखिरी विकल्प है.''
हम क्या जानते हैं: कोटा के पुलिस उपाधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि निहारिका अपने माता-पिता के साथ रह रही थी.
पुलिस मामले की जांच में जुटी है और शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है.
इस साल का पहला मामला नहीं: मुरादाबाद के रहने वाले एक अन्य अभ्यर्थी मोहम्मद जैदी की 23 जनवरी को सुसाइड से मौत हो गई थी. 18 वर्षीय युवक कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान का छात्र था.
बड़ी समस्या पर एक नजर: अकेले 2023 में कोटा - राजस्थान की कुख्यात कोचिंग फैक्ट्री - में कम से कम 29 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई.
इससे पहले जनवरी में, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों को कानूनी ढांचे के तहत लाने और छात्रों की आत्महत्याओं के मामलों के बीच "अनियमित केंद्रों" की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए कोचिंग सेंटर विनियमन 2024 (Regulation of Coaching Centre) के तहत गाइडलाइंस जारी की है.
16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते. किसी स्टूडेंट का नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा यानी क्लास 10 के बाद ही होना चाहिए.
कोचिंग सेंटरों में छात्रों के नामांकन के लिए माता-पिता को भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते.
केवल वे कोचिंग संस्थान ही पंजीकृत हो सकते हैं जिनके पास "काउंसलिंग" की व्यवस्था है.
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