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अखिल भारतीय आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri Death) की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी मौत दम घुटने (Asphyxia) से हुई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं. हालांकि, रिपोर्ट में गले में V आकार के निशान का जिक्र है.
नरेंद्र गिरि की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी मौत दोपहर तीन से साढ़े तीन के बीच हुई है. रिपोर्ट में हैंगिंग की भी बात सामने आई है, यानी फांसी के फंदे पर लटकने से महंत नरेंद्र गिरी की मौत हुई है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, निरंजनी अखाड़ा महंत रविंद्र पुरी ने दावा किया है कि सुसाइड नोट महंत नरेंद्र गिरि द्वारा नहीं लिखा गया है. उन्होंने सवाल उठाया कि फंदे से लटकने पर किसी को सिर में चोट कैसे आ सकती है?
अखिल भारतीय आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को 22 सितंबर को भू-समाधि दे दी गई. पोस्टमार्टम के बाद उनका शरीर बाघंबरी गद्दी पर लाया गया. इस दौरान फूलों से सजे वाहन पर उनका पार्थिव शरीर रखा गया. इसके बाद उनकी अन्तिम यात्रा शहर के मार्गों से होते हुए संगम पहुंची. वहां स्नान आदि कराने के बाद लेटे हुए हनुमान मंदिर के बाद फिर वापस मठ ले जाया गया. यहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंहत को समाधि दे दी गयी. इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद रही. समाधि स्थल पर सभी साधु संत और महात्मा अखाड़ों की परंपरा के अनुरूप महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर पर जल, पुष्प, गुलाल का छिड़काव किया गया.
आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी आनंद गिरि और आद्या तिवारी को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. मेडिकल जांच के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया था.
महंत नरेंद्र गिरि द्वारा कथित रूप से लिखे गए सुसाइड नोट के बाद आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में लिया गया था, जिन्हें गिरि की मौत के लिए उन्हें जिम्मेदार बताया गया है.
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