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मैनेजर की बैंक में डाका डालने की कोशिश, महिला अधिकारी की जान ली

palghar murder case: बैंक मैनेजर ने कर्ज चुकाने के लिए ऐसा किया था

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<div class="paragraphs"><p>आईसीआईसीआई उप शाखा प्रमुख योगिता निशांत&nbsp;</p></div>
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आईसीआईसीआई उप शाखा प्रमुख योगिता निशांत 

(फोटो: IANS)

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महाराष्ट्र में एक बेहद ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां किसी क्राइम थ्रिलर फिल्म की तरह कर्ज में डूबे एक्सिस बैंक के एक शाखा प्रबंधक ने कथित तौर पर आईसीआईसीआई बैंक पर डकैती डालने की असफल कोशिश की और वहां एक उप शाखा प्रमुख की चाकू मारकर हत्या कर दी.

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. खबर के मुताबिक, एक्सिस बैंक के मैनेजर ने कर्ज चुकाने के लिए ऐसा किया था.

पुलिस ने शुक्रवार को यहां बताया कि एक्सिस बैंक के शाखा प्रबंधक ने आईसीआईसीआई बैंक की महिला उप शाखा प्रमुख की चाकू मारकर हत्या करने के बाद भागने का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे दबोच लिया.

घटना गुरुवार की रात करीब 8 बजे आईसीआईसीआई बैंक की विरार ईस्ट ब्रांच में बैंकिंग घंटे खत्म होने के बाद हुई. उस समय दो महिला अधिकारियों को छोड़कर अधिकांश कर्मचारी अपने घर के लिए निकल चुके थे.

विरार पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुरेश वारडे ने आईएएनएस को बताया कि आरोपी नायगांव एक्सिस बैंक शाखा के प्रबंधक अनिल दुबे, जो आईसीआईसीआई बैंक का पूर्व कर्मचारी था, को गिरफ्तार कर लिया गया है. अभी तक की जांच में पता चला है कि इसमें कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है.

एक्सिस बैंक ने गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को दुबे को सेवा से बर्खास्त कर दिया और पालघर पुलिस की जांच में सहयोग करने के अलावा मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है.

शुक्रवार को अंधेरा होने पर दुबे ने नायगांव से आईसीआईसीआई बैंक विरार पूर्व शाखा में प्रवेश किया और अंदर कदम रखते ही एक धारदार हथियार निकाला. उसने ऑन-ड्यूटी उप प्रबंधक योगिता निशांत चौधरी और उनकी कैशियर सहयोगी श्रद्धा देवरुखकर को धमकी दी.

उसने उन्हें सभी नकदी और आभूषण सौंपने का आदेश दिया, जिसे उसने एक बैग में रखा और शाखा परिसर से भागने का प्रयास किया.

हालांकि बैंक की महिला अधिकारी हार मानने को तैयार नहीं थीं और उन दोनों ने मदद के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया और साथ ही दुबे को दबोचने का प्रयास किया. इसके बाद दुबे ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उन दोनों पर चाकू से कई बार हमला किया और फिर वहां से भागने का प्रयास किया.
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तब तक आसपास की दुकानों से कुछ लोग जमा हो गए थे, जिन्होंने दुबे को पकड़कर लूट से भरा बैग लेकर एटीएम केबिन में रख दिया और पुलिस को बुला लिया.

शाखा में प्रवेश करने पर, उन्होंने चौधरी और देवरुखकर को खून से लथपथ कई घावों के साथ लेटे हुए पाया. वह भयानक दृश्य देखकर चौंक उठे.

36 वर्षीय बैंक अधिकारी चौधरी, जिनके गले, कंधे और शरीर के अन्य हिस्सों में गहरे घाव थे, उसने बाद में दम तोड़ दिया.

वारडे ने कहा कि 32 वर्षीय देवरुखकर, जिन्हें गर्दन और कंधे में चोट लगी थी, उसका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है और सनसनीखेज मामले में आगे की जांच जारी है.

वारडे के अनुसार, आरोपी दुबे पर एक करोड़ रुपये से अधिक का भारी कर्ज था और जाहिर तौर पर हो सकता है कि उसने अपना बकाया चुकाने के लिए चौंकाने वाली डकैती का सहारा लिया हो, हालांकि अभी विवरण उपलब्ध नहीं है.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, एक जिम्मेदार संस्थान के रूप में, एक्सिस बैंक बेईमान तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस रखता है और इस मुद्दे को हल करने में संबंधित अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमने तुरंत सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की है.

हालांकि आईसीआईसीआई बैंक ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन बैंकिंग विशेषज्ञ और महाराष्ट्र स्टेट बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव देवीदास तुलजापुरकर ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण और अभूतपूर्व घटना करार दिया.

उन्होंने आईएएनएस से कहा, सवाल यह उठता है कि क्या एक्सिस बैंक ने आरोपी व्यक्ति को नौकरी दिए जाने से पहले उसकी संपत्ति और देनदारियों का अनिवार्य विवरण लिया था, खासकर जब से वह एक प्रतिस्पर्धी बैंक से आया था. आईसीआईसीआई बैंक के बाहर सुरक्षा गार्ड की अनुपस्थिति इंगित करती है कि यह एक बड़ी साजिश थी, जिसकी गहनता से जांच होनी चाहिए.

उद्योग के सूत्रों से पता चलता है कि 15 साल के अनुभव के साथ एक बैंकिंग पेशेवर, दुबे ने आईसीआईसीआई बैंक सहित कई निजी बैंकों में 15 महीने तक काम किया था, लेकिन उस पर बड़े पैमाने पर कर्ज चढ़ चुका था. वह कथित तौर पर कुछ धनराशि की हेराफेरी और अन्य अनियमितताओं के अलावा कुछ महंगी संपत्ति की खरीद में भी लिप्त था.

हालांकि पुलिस इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं बोल रही है, मगर पता चला है कि आरोपी ने कथित तौर पर आईसीआईसीआई की उक्त शाखा में जाने से पहले फोन किया था, जहां केवल दो महिला अधिकारी ही थीं और वह महीने के अंत के खातों के डेटा की गणना और समापन में व्यस्त थीं.

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Published: 31 Jul 2021,07:59 PM IST

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