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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को अलकायदा के 11 आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जो देश के कई हिस्सों में आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने पश्चिम बंगाल और केरल के अल कायदा के 11 मेंबर्स के खिलाफ यहां एक विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दायर किया.
मुर्शीद हसन उर्फ सोफिक, मोसराफ होसेन, मैनुल मंडल, ली यैन अहमद उर्फ लियॉन, नजमुस साकिब, इयाकुब विश्वास, समीम अंसारी, अबू सूफियान, अतीउर रहमान, अल मामुन कमाल, अब्दुल मोमिन मंडल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है.
एनआईए ने मुर्शिद हसन के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल और केरल में एक अल-कायदा से प्रेरित मॉड्यूल के संचालन के बारे में जानकारी के आधार पर मामला दर्ज किया था. इस मॉड्यूल के सदस्य देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.
एनआईए ने 19 सितंबर, 2020 को पश्चिम बंगाल और केरल में छापे मारे और नौ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. अधिकारी ने बताया कि पिछले साल 26 अगस्त और 1 नवंबर को पश्चिम बंगाल से अलकायदा के दो और गुर्गों को गिरफ्तार किया गया था.
अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि मुर्शिद हसन पाकिस्तान और बांग्लादेश में स्थित अल कायदा के संचालकों के संपर्क में था और उनसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कट्टरपंथी प्रचार सामग्री के साथ निर्देश प्राप्त किया था. एनआईए अधिकारी ने कहा कि हसन ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर आतंकी संगठन अलकायदा में और अधिक लोगों को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की साजिश रची.
अधिकारी ने कहा कि उन लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी सामग्री का प्रसार किया और भारत में जिहाद छेड़कर इस्लामिक स्टेट की स्थापना के लिए दूसरों को भर्ती करने के इरादे से चैट प्लेटफार्मों को एन्क्रिप्ट किया.
एनआईए अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी समूह के सदस्यों ने उन व्यक्तियों पर हमला करने की योजना बनाई, जिन्हें वे "काफिर" मानते हैं.
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