advertisement
लोग उसे बुलाते हैं पानीपत का 'सिंघम'. लेकिन अब 'सिंघम' यानी हेड कॉन्सटेबल आशीष कुमार बर्खास्त हो गया है. महकमे ने उसे अनुशासनहीनता के लिए नौकरी से निकाल दिया है. लेकिन बर्खास्तगी के बाद भी आशीष के रुख में परिवर्तन नहीं है. उसका कहना है कि जब तक सांस है ऐसे ही भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता रहेगा.
महकमे का कहना है कि आशीष लगातार अनुशासनहीनता करता रहा रहा है. वो ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर वीडियो डालता है. पुलिस में रहते हुए उसे कानून व्यवस्था बनाने में मदद करनी चाहिए लेकिन वो खुद कानून व्यवस्था खराब करता रहता है.
बर्खास्तगी की खबर आने के बाद आशीष के घर पर लोगों की भीड़ जुट रही है. उसे पढ़ा चुके एक शिक्षक ने कहा कि उसे रिश्वतखोरों के खिलाफ बोलने की सजा मिली है. खुद आशीष ने कहा कि अगर उसे वापस ड्यूटी मिलती है तो वो फिर से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएगा.
दरअसल आशीष लगातार अपने ही महकमे के खिलाफ आवाज उठाता रहा है. ताजा विवाद 2 फरवरी को शुरू हुआ जब आशीष ने ASI मुकेश कुमार का कथित रूप से घूस लेते हुए वीडियो बनाया. वीडियो बनाते समय आशीष और मुकेश में झड़प हुई. मुकेश ने आशीष के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कराया. जिसके बाद आशीष को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. उसे जमानत मिली लेकिन अब उसे बर्खास्त कर दिया गया है. जेल से निकलने के बाद भी आशीष ने कहा था कि एक आईपीएस ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. इससे पहले भी आशीष ने अपने महकमे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया था. उसे सस्पेंड किया गया लेकिन आशीष के मुताबिक उसे गृह मंत्री अनिल विज के आदेश पर बहाल किया गया.
इनपुट- परवेज खान
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)