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राजस्थान: पोक्सो कोर्ट में पहली बार 2 रेपिस्ट को फांसी, 4 महीने में फैसला हुआ

पुलिस ने 6 जनवरी, 2022 को कोर्ट में चालान पेश किया था

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<div class="paragraphs"><p>राजस्थान: नाबालिग से रेप और हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को फांसी की सजा</p></div>
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राजस्थान: नाबालिग से रेप और हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को फांसी की सजा

प्रतीकात्मक तस्वीर

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राजस्थान (Rajasthan) की एक स्थानीय अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को दोषी मानते हुए शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अदालत के इस फैसले पर कहा कि सरकार महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे अपराधों में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. कोर्ट ने सुल्तान (27) और छोटूलाल (62) को मात्र 11 दिन में ही मौत की सजा सुनाई है. वहीं इस मामले में तीसरे नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह भेजा गया है. पुलिस ने 6 जनवरी, 2022 को कोर्ट में चालान पेश किया था.

महिला सुरक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध-सीएम

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अदालत के फैसले का को लेकर कहा कि राज्य में पॉक्सो एक्ट का पहला मामला है, जिसमें दो दोषियों को एक साथ फांसी की सजा सुनाई गई है. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि हर राज्य से ऐसी खबरें लगातार आती रहती हैं जो पूरे देश के लिए चिंता का विषय है. इसको ध्यान में रखकर हमने राज्य में कई नई पहल की हैं. इन सभी नवाचारों के कारण आज प्रदेश में हर पीड़िता को न्याय सुनिश्चित हो पा रहा है.

"हमारी सरकार आने के बाद पॉक्सो एक्ट के मामलों में आठ दोषियों को फांसी, 137 से अधिक लोगों को आजीवन कारावास समेत कुल 620 से अधिक दोषियों को सजा सुनाई गई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. महिला अपराधों के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा एवं अदालत के माध्यम से इनको अंजाम तक पहुंचाया जाएगा."
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री

‘केस ऑफिसर स्कीम’ के तहत कार्रवाई

राज्य के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि बूंदी की विशिष्ट न्यायाधीश पोक्सो अदालत ने रेप और हत्या मामले में दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अपराधियों की पहचान, गिरफ्तारी और साक्ष्य एकत्र कर ‘केस ऑफिसर स्कीम’ के तहत अपराधियों को सजा दिलाने की पुख्ता कार्रवाई की जा रही है.

दिसंबर 2021 का है मामला

बूंदी के पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि 23 दिसंबर 2021 को बसोली थाना क्षेत्र के जंगल में नाबालिग का शव मिला था. पुलिस ने पूरे जंगल को सील कर 10 थानाधिकारी, करीब 200 पुलिस जवानों और डॉग स्कॉड के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया था. डॉग स्क्वॉड ने 12 घंटे में ही तीनों अपराधियों को दबोच लिया था.

उन्होंने आगे बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था. पुलिस टीम ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुऐ सबूत जुटाए और अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए तीन दिन में ही पोक्सो कोर्ट बूंदी में चालान पेश किया था.

मामले में प्रभावी पैरवी के ​लिए महावीर सिंह किशनावत एडवोकेट राजस्थान हाईकोर्ट को स्पेशल पीपी नियुक्त किया गया था.

मृत्यु के बाद भी किया रेप

पोक्सो कोर्ट में स्पेशल पीपी महावीर सिंह ने बहस मे बताया कि जब नाबालिग मृतका मुल्जिम सुल्तान (27) से बचकर अपने रिश्ते में लगने वाले नाना छोटुलाल 62 (अभियुक्त) की तरफ मदद के लिए दौडी तो छोटुलाल ने भी पीडिता के साथ बलात्कार किया. मृतका के शरीर पर 19 चोटे, नाखुनों से नोचने और दांतो से काटने के निशान इस बात की कहानी कहते है, कि हैवानों ने अपनी हैवानियत किस कदर बरपाई होगी. तीनों ने मृतका के साथ हत्या से पूर्व व हत्या के बाद भी डेड बॉडी से रेप किया जो कि दुर्लभतम से दुर्लभतम की श्रेणी मे आता है. दोनो अभियुक्त सुल्तान और छोटुलाल के लिए समाज हित मे मृत्यु दण्ड की मांग की गई.

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