Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Crime Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सिद्धू मूसेवाला मर्डर के एक साल पूरे, 'मास्टरमाइंड' अब भी खुलेआम ऑपरेट कर रहें

सिद्धू मूसेवाला मर्डर के एक साल पूरे, 'मास्टरमाइंड' अब भी खुलेआम ऑपरेट कर रहें

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का कथित मास्टरमाइंड गोल्डी बराड़ विदेश में है. जबकि लॉरेंस बिश्नोई जेल से ही मजबूत हो रहा

आदित्य मेनन
क्राइम
Published:
<div class="paragraphs"><p>सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड को एक साल, 'मास्टरमाइंड' अब भी खुलेआम घूम रहे हैं </p></div>
i

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड को एक साल, 'मास्टरमाइंड' अब भी खुलेआम घूम रहे हैं

(फोटो- नमिता चौहान/क्विंट हिंदी)

advertisement

पंजाब (Punjab) के मनसा जिले के जवाहरके गांव में हुई सिद्धू मसेवाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या को एक साल हो गया है. कथित तौर पर गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई द्वारा भेजे गए बंदूकधारियों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. वारदात के एक साल भी हत्याकांड कथित मास्टरमाइंड को सजा नहीं हो सकी है. हालांकि कई छोटे खिलाड़ी पकड़े गए हैं.

गोल्डी बराड़ कहा है?

दिसंबर के पहले हफ्ते पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया कि गोल्डी बराड़ को अमेरिका के कैलिफोर्निया में हिरासत में लिया गया.

इस खुलासे के तुरंत बाद, द क्विंट ने कैलिफोर्निया में अधिकारियों से बात की और पाया कि गोल्डी बराड़ को हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं था.

इसी दौरान खुद को बराड़ होने का दावा करने वाले एक शख्स ने एक स्वतंत्र यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया.

दावा करने के कुछ हफ्ते बाद भगवंत मान पीछे हटते हुए दिखाई दिए और उन्होंने कहा कि बराड़ की स्थिति 'टॉप सीक्रेट' बनी हुई है. आज तक, गोल्डी बराड़ के ठिकाने के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है.

2 मई 2023 को एक कथित फेसबुक पोस्ट में गोल्डी बराड़ ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी.

हालांकि ताजपुरिया हत्याकांड में उसके हाथ होने की बात साबित नहीं हुई है लेकिन यह स्पष्ट है कि बराड़ आजाद है और विदेश से अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है.

लॉरेंस बिश्नोई की री-ब्रांडिंग

लॉरेंस बिश्नोई, उस आपराधिक सिंडिकेट का प्रमुख है, जिसमें बराड़ शामिल है. वो दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है लेकिन उसे दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और गुजरात की जेलों में ले जाया जाता है, जहां वह मुकदमों का सामना कर रहा है.

इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि जेल में रहते हुए भी बिश्नोई को खुद को फिर से ताकतवर बनाने का मौका मिल गया है. और वह इस इको-सिस्टम में एक हीरो बनकर उभरा.

यह उसके द्वारा एक समाचार चैनल को दिए गए दो इंटरव्यू में समझ आता है, जिसमें उसने खुद को एक देशभक्त के रूप में पेश करने की कोशिश की और जोर देकर कहा कि मूसेवाला राष्ट्रवादी नहीं था.

राइट विंग इन्फ्लुएंसर गौरव आर्य ने बिश्नोई के बारे में पॉजिटिव बात करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया. इसके बाद पूर्व सांसद अतीक अहमद की हत्याकांड में शामिल शूटरों में से एक ने दावा किया कि वह लॉरेंस बिश्नोई से प्रेरित था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'सिद्धू मूसेवाला के लिए इंसाफ' कहां है?

सिद्धू मूसेवाला के लिए इंसाफ की मांग करने वालों के लिए, एक आरोपी को विदेश में खुलेआम घूमते हुए और दूसरे को जेल से इंटरव्यू देते हुए मूसेवाला को बदनाम करते हुए देखना निश्चित रूप से दुखदायी है.

फिर एक वीडियो था, जो लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई का कैलिफोर्निया में एक पार्टी में डांस करते हुए सामने आया था.

एक बात काफी हद तक सही है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल बड़ी मछलियों को सजा नहीं मिली है.

हालांकि, इस मुद्दे की राजनीतिक शक्ति कम हो सकती है, कम से कम पंजाब में सत्तारूढ़ AAP सरकार का तो यही मानना है.

पिछले साल संगरूर लोकसभा सीट पर AAP को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था.

हालांकि इससे पहले इसी साल मई में आम आदमी पार्टी ने जालंधर लोकसभा सीट कांग्रेस से छीन ली थी. मूसेवाला के माता-पिता ने AAP को हराने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया था.

AAP जीत को अपनी नीतियों के समर्थन के रूप में देख रही है, जिसमें गिरोहों पर कार्रवाई भी शामिल है. हालांकि सिद्धू मूसेवाला के परिवार के दर्द को कोई भी समझ सकता है, लेकिन शायद यह उपचुनाव उनके लिए अभियान को आगे ले जाने के लिए सही सेटिंग नहीं था.

स्थानीय वजहों और डेमोग्राफी ने चुनाव के नतीजे को आकार दिया लेकिन AAP की जीत का इस्तेमाल उसके कुछ समर्थकों द्वारा यह दावा करने के लिए किया जा रहा है कि यह मुद्दा अब राजनीतिक रूप से प्रासंगिक नहीं है.

हालांकि मूसेवाला की सुरक्षा कम करने के लिए AAP सरकार जिम्मेदार है, लेकिन बराड़ के विदेश में नहीं पकड़े जाने के लिए आंशिक रूप से केंद्र सरकार जिम्मेदार है. विदेशी एजेंसियों के साथ ताल-मेल करना केंद्र के कार्यक्षेत्र में आता है. फिर जेल से बिश्नोई की गतिविधियों का दोष उन अधिकारियों पर है, जो उन्हें ऑपरेशन करने दे रहे हैं और यह कई राज्यों की जेलों से हो सकता है.

इस पूरे मामले में इससे भी बुरी भूमिका उन लोगों की रही है, जो बिश्नोई का महिमामंडन कर रहे हैं और उसकी इमेज को फिर से चमकाने की कोशिश में लगे हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT