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उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल (Tailor Kanhaiya Lal) की हत्या का कराची कनेक्शन सामने आ रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को उदयपुर की घटना पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि घटना प्रथम दृष्टया आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई है. दोनों आरोपियों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की जानकारी सामने आई है.
राजस्थान सरकार में गृहराज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों के तार पाकिस्तान और अरब देशों से जुड़े हैं. आरोपी के फोने से 8-10 नम्बर पाकिस्तान के मिले हैं. फोन नम्बर के जरिए आरोपी पाकिस्तान के सम्पर्क में थे. एक आरोपी ने 2014-15 में 45 दिन कराची में ट्रेनिंग ली थी. नेपाल में भी एक आरोपी का मूवमेंट रहा है.
यादव ने बताया कि इस घटना में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसलिए, अब आगे की जांच NIA की ओर से की जाएगी, जिसमें राजस्थान ATS पूर्ण सहयोग करेगी. पुलिस और प्रशासन पूरे राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करें और उपद्रव करने के प्रयासों पर सख्ती से कार्रवाई करें.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर की घटना में शामिल आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी करने वाले पांच पुलिसकर्मियों तेजपाल, नरेन्द्र, शौकत, विकास एवं गौतम को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने का फैसला किया है. गहलोत ने वर्तमान हालात को देखते हुए पुन: अपील की है कि सभी पक्ष शांति बनाए रखें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना बहुत बड़ी है, जघन्य है, मैंने कल भी कहा कि जितनी निंदा करें उतनी कम है और हमने इसीलिए SIT गठित की है. SIT ने अपना काम शुरू कर दिया है. जयपुर पहुंचते ही लॉ एन्ड ऑर्डर को लेकर मीटिंग कर रहे हैं और ये जो खबरें आ रही हैं, जिसने हत्या की है उनके क्या प्लान थे, क्या षड्यंत्र था, किससे लिंक है, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कोई ऐसी एजेंसी है, क्या जिससे लिंक है, वो तमाम बातों का खुलासा होगा, तो इसको हम उस गंभीरता से ले रहे हैं कि घटना कोई मामूली नहीं है और ऐसे हो नहीं सकती, जब तक इसका कोई अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर कुछ जो ऐसे रेडिकल एलिमेंट हैं. उससे लिंक नहीं हो तब तक ऐसी घटना होती ही नहीं है ये अनुभव कहता है, उसी रूप में इसकी जांच-पड़ताल शुरू की गई है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री आवास पर आज शाम 6 बजे सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है. उदयपुर घटना के मामले को लेकर विपक्षी नेताओं से मुख्यमंत्री चर्चा करेंगे. वहीं, एतिहात के तौर पर राजस्थान में अभी कुछ समय के लिए इंटरनेट सेवा बाधित रहेगी.
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