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उन्नाव में मदरसे के बच्चों से जबरन जय श्रीराम बुलवाने के मामले में एक नया मोड़ आया है. उन्नाव पुलिस ने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद ये बात सामने आई है कि एफआईआर में जिन 4 लोगों के नाम हैं वो मौके पर मौजूद नहीं थे. पुलिस के मुताबिक, मदरसे के बच्चों की एक शख्स से कहासुनी हो गई थी जिसके बाद विवाद बढ़ा था. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच कर रही है. पुलिस ने ये भी कहा कि जबरन ‘जय श्री राम’ के नारे बुलवाने की भी बात सामने नहीं आई है.
मदरसे के मौलवी ने आरोप लगाया था कि मदरसे के बच्चों से जबरन जय श्रीराम का नारा लगवाकर उनको पीटा गया था. मदरसे के मौलवी ने कहा था कि बच्चे आमतौर पर जुमारात (गुरुवार) के दिन खेलने चले जाते हैं. गुरुवार (18 जुलाई) को भी 12-13 साल के छोटे-छोटे बच्चे दो बजे नमाज पढ़ने के बाद ग्राउंड में क्रिकेट खेलने गए थे. इसी दौरान ग्राउंड में आए चार लड़कों ने बच्चों को पीटा और ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने के लिए मजबूर किया.
मामला बढ़ता देख पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया था. हिरासत में लिए गए आरोपियों के समर्थन में हिंदू युवा वाहिनी आ गई थी. हिंदू युवा वाहिनी और बाकी हिंदू संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोपियों के समर्थन में उन्नाव में कोतवाली का घेराव कर उग्र आंदोलन की धमकी दी थी.
उन्नाव के सीओ सिटी उमेश कुमार त्यागी ने बताया था कि जामा मस्जिद के मदरसा दारुल उलूम के बच्चों का हाफ डे होता है. आम तौर पर बच्चे हाफडे के दिन जीआईसी इंटर कॉलेज के ग्राउंड में क्रिकेट खेलने चले जाते हैं. काफी बड़ा ग्राउंड है तो कई और लोग भी वहां खेलने पहुंचते हैं. बच्चे जब वहां खेलने गए थे. तभी वहां मौजूद कुछ लोगों से बच्चों की कुछ कहासुनी हो गई और मामला हाथपाई तक पहुंच गया.
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