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उत्तर प्रदेश (Uttar Prdaesh) के मैनपुरी (Mainpuri) पुलिस के ऊपर एक दलित युवक के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है. इस घटना के बाद युवक ने फांसी लगाकर खुद की जान ले ली. SSP ने बताया कि आरोपी पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
मैनपुरी जनपद के रकरी गांव में रहने वाले अमर सिंह कठेरिया ने पुलिस पर अपने बेटे दशरथ कठेरिया के साथ 8 अगस्त को मारपीट करने का आरोप लगाया है. इसी के बाद कहा जा रहा है कि 9 अगस्त की रात 45 साल के दशरथ कठेरिया ने फांसी लगाकर खुद की जान ले ली.
दशरथ कठेरिया के पिता अमर सिंह कठेरिया ने क्विंट से बात करते हुये बताया कि दशरथ कठेरिया और बृजेश कठेरिया दोनों सगे भाई हैं. परिवार के आपसी विवाद को लेकर 8 अगस्त को ब्रजेश ने अपने भाई दशरथ कठेरिया के खिलाफ रकरी चौकी पर तहरीर दी थी. इसके बाद में पुलिस ने दशरथ कठेरिया को चौकी पर बुलाया था, जहां पर उसके साथ मारपीट की गई. मारपीट के बाद में पुलिस ने 151 में चालान करके SDM कोर्ट में पेश किया था, जहां से दशरथ कठेरिया को जमानत दे दी गयी थी.
बुजुर्ग अमर सिंह ने पुलिस पर अपने पुत्र दशरथ के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुये बताया कि
अमर सिंह ने बात करते हुए आगे बताया जब पुलिस ने पहले दशरथ को बुलाया था, तभी उससे आरोपी पुलिस कर्मियों ने 5 हजार रुपये की मांग की थी. दशरथ ने 3 हजार रुपये दे दिये थे. उसके बाद भी दशरथ का चालान कर दिया गया था. जमानत हो जाने के बाद पुलिस कर्मियों ने फोन पर कहा था, "कहां है तू...कितना बड़ा गुंडा है चौकी पर आ..." जिसके बाद में दशरथ चौकी पर चला गया था.
अमर सिंह बताते हैं कि उसी दिन रात में सभी लोग नीचे कमरे में सो रहे थे. हम सड़क पर सो रहे थे. रात में करीब 1 बजे दशरथ की बड़ी बेटी को कुछ अजीब लगा तो वह ऊपर बने कमरे में अपने पापा (दशरथ) को देखने के लिए गयी. दशरथ ने फांसी लगा ली थी. इसके बाद उसकी बेटी चिल्लाने लगी. चीख चिल्लाहट सुनकर घर और मोहल्ले के सभी लोग जाग गये. जब ऊपर कमरे में जाकर देखा तो चारपाई में पैरों की तरफ लगी हुई रस्सी खुली थी. उसी रस्सी के सहारे दशरथ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
पिता अमर सिंह ने आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी थी, जिसके बाद में अभी तक आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ पुलिस ने कोई भी मामला दर्ज नहीं किया है. मैनपुरी के अपर पुलिस अधीक्षक विजयपाल सिंह ने बताया कि
वरिष्ठ वकील प्रशांत पुंढीर बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले आदेश दिया था SC/ST एक्ट में जांच होने के बाद FIR दर्ज होगी जिसे बाद में सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में बिल पेश करके पास किया था. ऐसे मामले में तत्काल FIR दर्ज होगी. पुलिस को FIR दर्ज करनी चाहिए थी और मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश होने चाहिए थे, जो अभी तक मैनपुरी प्रशासन ने नही दिए हैं. यहां पर आरोपी पुलिस कर्मियों को केवल लाइन हाजिर किया गया है.
(इनपुट-शुभम श्री वास्तव)
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