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(आईएएनएस)। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) को लेकर दिल्ली सरकार के विभिन्न स्कूलों में विद्यार्थियों को फ्री कोचिंग प्रदान की गई है। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों के छात्रों को ऑनलाइन मॉक टेस्ट सीरीज के जरिए कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का एक्सपोजर दिया गया। इसके लिए प्रत्येक स्ट्रीम- आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के लिए मॉक टेस्ट तैयार किए गए थे। इससे बच्चों में टाइम मैनेजमेंट और स्ट्रेस मैनेजमेंट के स्किल्स आए है और लगातार प्रैक्टिस ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है और छात्रों में परीक्षा के डर को कम किया है।
इस साल पहली बार देश में उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बहुत से विद्यार्थी ऐसे हैं जो इस एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करना चाहते हैं, लेकिन पैसे के अभाव में कोचिंग संस्थानों की उच्च फीस नहीं भर सकते। ऐसे में दिल्ली के बहुत से सरकारी स्कूलों ने अपनी एक अनूठी पहल के तहत ये सुनिश्चित किया है कि एंट्रेंस टेस्ट देने के इच्छुक छात्रों को स्कूली स्तर पर ही पर्याप्त सहायता प्रदान की जाए, ताकि उन्हें वित्तीय कारणों से अपने सपनों को छोड़ना न पड़े।
एंट्रेंस परीक्षा से पहले, उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को सर्वोदय विद्यालय के विद्यार्थियों की तैयारी जानने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उनसे बातचीत की। इस अनूठी पहल को लेकर दक्षिणी-पूर्वी जिले के स्कूलों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए उपमुख्यमंत्री ने साझा किया कि यहां के स्कूलों में लगभग 5000 विद्यार्थियों के लिए 20 दिनों की सीयूईटी की प्रीप्रेटरी क्लासेज का आयोजन किया गया। यह इन विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के उनके सपनों को कॉलेजों के करीब ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की इस पहल के तहत छात्रों को 13 से अधिक विषयों की तैयारी में मार्गदर्शन किया गया।
सीयूईटी की तैयारी के लिए सरकारी स्कूलों के ग्रुप बनाकर कॉमर्स और साइंस स्ट्रीम की तैयारी के लिए स्पेशलाइज्ड सेंटर बनाए गए। आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थियों को स्कूली स्तर पर गाइडेंस मिली। पूरे जिले में सीयूईटी की तैयारी के लिए 106 सेंटर शुरू किए गए। सब्जेक्ट स्पेसिफिक तैयारियों के साथ विद्यार्थियों को कंप्यूटर आधारित परीक्षा से भी परिचित करवाया गया क्योंकि ज्यादातर बच्चों को पहले कभी कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा देने का अनुभव नहीं था।
इसके अलावा दिल्ली के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की प्रैक्टिस के लिए कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा के लिए टेक्निकल टीम की मदद से 5 ऑनलाइन कंप्यूटर बेस्ड मॉक टेस्ट तैयार किए गए। मॉक टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर विद्यार्थियों को वर्गीकृत किया गया। शिक्षकों से इंडिविजुअल अटेंशन मिली। मॉक टेस्ट का तुरंत और आटोमेटिक मूल्यांकन होता था। विद्यार्थियों को अपने वीक एरिया को सुधारने का पूरा समय मिलता था।
छात्रों को व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन देने के लिए बेस्ट टीचर्स को किया गया तैनात।
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