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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार 17 मार्च को कहा कि इस साल का पहला चक्रवात अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास बंगाल की खाड़ी में 21 मार्च के आसपास विकसित होगा. इसे साइक्लोन आसनी कहा जाएगा- जो श्रीलंका द्वारा दिया गया नाम है.
आईएमडी के अनुसार, आसनी जो फिलहाल में एक कम दबाव का क्षेत्र है वह उत्तर पूर्व दिशा में आगे बढ़ने, एक अच्छी तरह से टार्गेटेड निम्न दबाव क्षेत्र बनने और शनिवार, 19 मार्च की सुबह तक दक्षिण अंडमान समुद्र तक पहुंचने की संभावना है. यह संभवतः अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ आगे बढ़ेगा और रविवार, 20 मार्च की सुबह तक एक अवसाद में बदल जाएगा.
मंगलवार, 22 मार्च की सुबह के आसपास बांग्लादेश और म्यांमार के तटों तक पहुंचने के लिए यह लगभग उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सांसद कुलदीप राय ने उपराज्यपाल एडमिरल डीके जोशी से आपदा प्रबंधन तंत्र को हाई अलर्ट पर रखने और सभी स्कूलों और कॉलेजों में 19 से 21 मार्च तक छुट्टी घोषित करने का आग्रह किया है.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए प्रत्येक दिन के लिए आईएमडी की बारिश की चेतावनी यहां दी गई है, जहां तूफान का असर रहेगा:
18 मार्च: निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा / गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है.
19 मार्च: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा / गरज के साथ निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है.
20 मार्च: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा के साथ अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा / गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है.
21 मार्च: अंडमान द्वीप समूह के अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा / गरज के साथ छिटपुट भारी वर्षा होने की संभावना है.
विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे 17 से 21 मार्च तक दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में, पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी में और 18 से 22 मार्च तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आसपास और 22 मार्च को उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी में न जाए.
केंद्रीय गृह सचिव ने शुक्रवार 18 मार्च को केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों और अंडमान निकोबार के प्रशासन की समीक्षा की. इसने केंद्र शासित प्रदेश में एक राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को तैनात किया है, और अन्य टीमों और आपातकालीन आपूर्ति को तैयार कर रहा है.
तीनों सशस्त्र बल को स्टैंडबाय पर रखा गया है.
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