Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Delhi Pollution: दिल्ली में बाहर की OLA-उबर जैसी टैक्सियों पर बैन, कृत्रिम बारिश की तैयारी

Delhi Pollution: दिल्ली में बाहर की OLA-उबर जैसी टैक्सियों पर बैन, कृत्रिम बारिश की तैयारी

Delhi Pollution: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के चलते बाहर से आने वाली ऐप आधारित टैक्सियों की एंट्री पर रोक लगाई गई है.

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<div class="paragraphs"><p>Delhi Pollution</p></div>
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Delhi Pollution

(Photo- PTI)

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राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण (Delhi Pollution) के चलते दिल्ली सरकार ने एक और कड़ा फैसला लिया है. हालांकि, इस फैसले से राहत मिलेगी या नई परेशानी खड़ी हो जाएगी ये देखने वाली बात होगी.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड ऐप आधारित टैक्सियों की एंट्री पर रोक लगाई गई है और ऐसा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया है.

बुधवार, 8 नवंबर की शाम गोपाल राय ने घोषणा करते हुए कहा, "बाहर के राज्यों से आने वाले ऐप बेस्ड रजिस्ट्रेशन वाली टैक्सियों पर रोक लगाने का निर्देश परिवहन विभाग को दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कहा है."

सरकार के इस फैसले से अब नोएडा या गुड़गांव में काम करने वाले लोगों को दिल्ली आने-जाने में खासी परेशानी हो सकती है. हालांकि, अभी ये स्पषट नहीं है कि ये रोक कितने दिन तक रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?

सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को प्रदूषण की याचिका पर सुनवाई करते हुए ऑड-ईवन जैसी योजनाओं को "महज दिखावा" बताया था और सुझाव दिया था कि दिल्ली सरकार उन सड़कों पर केवल उन्हीं कैब की अनुमति देने पर विचार करे जो दिल्ली में रजिस्टर्ड हैं.

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा था कि दिल्ली में चलने वाली बड़ी संख्या में ऐप-आधारित टैक्सियां अन्य राज्यों में रजिस्टर्ड हैं और वे अक्सर केवल एक यात्री को लेकर दिल्ली में प्रवेश करती हैं.

कोर्ट ने सरकार से इसपर फैसला लेने के लिए कहा था, अब सरकार ने दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड ऐप आधारित टैक्सियों की एंट्री पर रोक लगा दी है.

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कृत्रिम बारिश की तैयारी?

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिती इतनी गंभीर है कि सरकार के तमाम उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं. अब कृत्रिम बारिश की कोशिशें शुरू हो गई हैं. 'कृत्रिम बारिश' की संभावना पर चर्चा के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और मंत्री आतिशी ने 8 नवंबर की शाम आईआईटी कानपुर की एक टीम के साथ बैठक की.

गोपाल राय ने बैठक के बाद कहा, "इसके पहले 12 सितंबर को दिल्ली सचिवालय में हमने एक्सपर्ट्स के साथ बैठक की थी, उसमें IIT कानपुर की तरफ से ये प्रस्ताव आया था. आज बैठक में कहा गया है कि अगर 40% तक भी बादल हैं तो वे क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश करा सकत हैं."

IIT कानपुर की तरफ से अगर इसपर विस्तृत प्रस्ताव कल गुरुवार तक आ जाता है तो दिल्ली सरकार इसे भी सुप्रीम कोर्ट में रखेगी. 20-21 नवंबर के दौरान दिल्ली में बादल रहने की संभावना है. अगर तब तक परमिशन मिल जाता है तो IIT कानपुर पहला प्रयास कर सकता है.

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