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Delhi Pollution And Eye Irritation: दिल्ली NCR में बढ़ता प्रदूषण हमारे फेफड़ों को ही नहीं बल्कि बॉडी के कई अंगों को नुकसान पहुंचा रहा है और उनमें से एक है हमारी आंखें. प्रदूषण हमारी आंखों के लिये बहुत हानिकारक है. दिल्ली एनसीआर के आई एक्सपर्ट्स ने फिट हिंदी से कहा कि आंखों का इन्फेक्शन, आंखें लाल होना, जलन, खुजली की शिकायत ले कर लोग हॉस्पिटल में आ रहे हैं.
प्रदूषण कैसे आंखों को नुकसान पहुंचाता है? क्या प्रदूषण से आंखों में दर्द हो सकता है? आंखों से पानी आने और लाल होने पर क्या करें? आंखों में धूल जाने पर क्या करें? अपनी आंखों को प्रदूषण से कैसे बचाएं? सवालों के जवाब जानें एक्सपर्ट्स से.
डॉ. अवनीश देशमुख आगे कहते हैं कि शॉर्ट टर्म प्रभावों में आंखों में जलन, लालिमा, खुजली, धुंधलापन और आंखों से पानी आना जैसी समस्याएं शामिल हैं. ये लक्षण विशेषकर उन लोगों में देखने को मिलते हैं, जो वायु प्रदूषित क्षेत्रों में रहते हैं. प्रदूषण के कण और केमिकल आंखों की सुरक्षित परत को नष्ट कर देते हैं, जिससे आंखें इन्फेक्शन के लिए अधिक संवेदनशील हो जाती हैं.
आंखों की पुतलियों पर एक पारदर्शी परत होती है, जिसे कॉर्निया कहा जाता है. प्रदूषण के कण कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा, आंखें ज्यादा सूखी होने से भी कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो सकती है. इससे आगे चलकर देखने में परेशानी हो सकती है.
सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड और कुछ दूसरे केमिकल प्रदूषक आंखों में केमिकल कंजक्टिवाइटिस का कारण भी बन सकते हैं.
वहीं लौंग टर्म प्रभावों की बात करें तो, लगातार प्रदूषण के सम्पर्क में आने से आंखों की टिशूज प्रभावित होती हैं, जिससे दृष्टि (vision) संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे मेइबोमियन ग्लैंड डिसफंक्शन (एमजीडी), आंखों में अत्याधिक सूखापन, ऑक्युलर सरफेस डिसॉर्डर और आंखों में बहुत अधिक एलर्जी. ये समस्याएं विजन को कमजोर कर सकती हैं और कभी-कभी तो अंधेपन का भी कारण बन सकती हैं. इसलिए, यह जरूरी है कि हम प्रदूषण के खिलाफ सावधानियां बरतें और अपनी आंखों की रक्षा करें.
हमारे एक्सपर्ट्स कहते हैं कि प्रदूषण के कारण आंखों में दर्द होना सामान्य बात है. असल में प्रदूषण के कारण आंखों में सूखापन आ जाता है. इससे आंखें रगड़ती हैं, जिससे उनमें दर्द होने लगता है. इसके अलावा प्रदूषण कणों के कारण आंखों में सूजन होने से भी दर्द होने की आशंका रहती है. अगर केमिकल प्रदूषण कणों के कारण आंखों में केमिकल कंजक्टिवाइटिस हो जाए तो भी आंखों में दर्द होता है.
अगर आपकी आंखों से पानी आ रहा है या वे लाल हो रही हैं, तो घबराए नहीं यह प्रदूषण के कारण होने वाली आम समस्या हो सकती हैं.
इस स्थिति में सबसे पहले तो आंखों को रगड़ना बिलकुल नहीं चाहिए, क्योंकि रगड़ने से इन्फेक्शन और जलन बढ़ सकती है.
ठंडे साफ पानी से आंखों को धोना चाहिए.
साफ पानी से धोने के अलावा गीले रुमाल से आंखों पर कुछ देर पट्टी करना भी फायदेमंद है.
अगर आपके पास डॉक्टर की बताई आंखों की एंटीसेप्टिक आई ड्रॉप्स हों, तो उनका इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
लेकिन अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है या गंभीर हो, तो आपको तुरंत एक आई एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए.
आंखों की नियमित जांच और सही समय पर उपचार से गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है.
प्रदूषण से आंखों की सुरक्षा के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं, जैसे कि:
जब भी बाहर निकलें, खासकर धूल और धुएं से भरे इलाकों में, तो उचित सुरक्षा के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करें. यह आंखों को सीधे प्रदूषण के कणों से बचाते हैं और यूवी किरणों से भी सुरक्षित रखते हैं.
कांटैक्ट लेंस नहीं पहनें क्योंकि प्रदूषण के कारण लेंस पर धूल और गंदगी जमा हो सकती है, जिससे आंखों में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है.
घर के अंदर इंडोर एयर प्युरीफायर पौधों और इलेक्ट्रॉनिक एयर प्यूरीफायर्स का इस्तेमाल करें जो हवा को शुद्ध करते हैं.
अपनी आंखों को नियमित रूप से साफ पानी से धोते रहें.
आंखों में किसी तरह की समस्या लगे तो डॉक्टर से मिलकर दवा लें.
आंखों को गंदे हाथों से न छूएं.
आंखों के लिए विटामिन ए और सी युक्त आहार लेना भी उनकी सुरक्षा में मदद करता है.
दोपहिया बाइक सवार शीशे वाला हेलमेट पहने और चार पहिया सवार गाड़ी की खिड़की का शीशा बंद रखें.
फिट हिंदी से बात करते हुए एक्सपर्ट कहते हैं कि आंखों में धूल या प्रदूषण के कण जाने पर आंखों में खुजली होने लगती है. ऐसे में अक्सर लोग आंखों को रगड़ देते हैं, ऐसा करना गलत है. इससे आंखों को नुकसान पहुंचता है.
आंखों में धूल जाने की स्थिति में सबसे जरुरी है कि आंखों को रगड़ें नहीं. रगड़ने से धूल के कण आंख की सतह पर खरोंच पैदा कर सकते हैं, जो दर्द और जलन का कारण बन सकता है.
आंखों को साफ पानी से धोएं या आंखें खोलकर उन पर पानी की छींट मारें. इससे अगर धूल कण आंखों में होंगे, तो वह बाहर निकल जाएंगे.
डॉक्टर से पूछकर घर में आर्टिफिशियल टियर्स आई ड्रॉप रखें. अगर आंखों में कुछ पड़ जाए तो तुरंत आई ड्रॉप डालना भी फायदेमंद हो सकता है. इससे आंखें साफ भी हो जाती हैं और उन्हें नमी भी मिलती है.
आंखों को धोने के लिए साफ पानी का प्रयोग करें और बाहरी कोनों से अंदर की ओर साफ करें ताकि कोई भी कण हो तो वो बाहर निकल जाए.
अगर आपको लगता है कि धूल अब भी आंखों में है या दर्द और जलन बढ़ रही है, तो तुरंत आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें.
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