Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Education Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सीसीटीवी की लाइव वेबस्ट्रीमिंग के जरिए बोर्ड में नकल रोकेगा CBSE

सीसीटीवी की लाइव वेबस्ट्रीमिंग के जरिए बोर्ड में नकल रोकेगा CBSE

पिछले साल नकल की इतने मामले सामने आने के बाद बोर्ड इस साल सुरक्षा के नए उपाय अपनाने की योजना बना रहा है.

क्विंट हिंदी
शिक्षा
Updated:
सीबीएसई नकल रोकने के लिए अपनाएगा नए तरीके
i
सीबीएसई नकल रोकने के लिए अपनाएगा नए तरीके
(फोटो: Harsh Sahni and Rhythum Seth/The Quint)

advertisement

10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सीबीएसई इस बार नए और कठोर कदम उठाने की तैयारी में है. इस बार बोर्ड परीक्षाओं में इनक्रिप्टिड क्वेश्चन पेपर, लाइव स्ट्रीमिंग और काउंसलिंग के जरिए नकल रोकी जाएगी.

पिछले साल बोर्ड परीक्षाओं में सीबीएसई के सामने नकल के 213 केस आए थे. इसमें सबसे ज्यादा गुवाहाटी से थे, जहां नकल के 84 मामले देखे गए थे.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक दिल्ली में नकल के 36 मामले, पंचकुला के 24, इलाहाबाद के 15 और पटना में 15 मामले थे.

पिछले साल नकल की इतने मामले सामने आने के बाद बोर्ड इस साल सुरक्षा के नए उपाय अपनाने की योजना बना रहा है. साथ ही बोर्ड एग्जाम सही तरह से पास करने को लेकर स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को काउंसलिंग भी दे रहा है.

बोर्ड परीक्षाएं स्टूडेंट्स के लिए सबसे चिंताजनक फेज में से एक हैं. कभी-कभी एग्जाम का प्रेशर उनपर काफी हावी हो जाता है, जो उन्हें अच्छा रिजल्ट पाने के लिए नकल करने के लिए मजबूर करता है. पेरेंट्स और शिक्षकों को गलत साधनों के शिकार नहीं होने के लिए छात्रों को गाइड करने की आवश्यकता है.
सन्यम भारद्वाज, सीबीएसई एग्जाम कंट्रोलर

अधिकारी ने आगे कहा, “हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि देश में ऑर्गनाइज्ड चीटिंग रिंग चल रही हैं, जो माता-पिता और छात्रों का फायदा उठाते हैं. न पेरेंट्स और न ही छात्रों को इनका शिकार होना चाहिए.”

इसके अलावा सीबीएसई इनक्रिप्टिड क्वेश्चन पेपर और लाइव स्ट्रीमिंग का भी इस्तेमाल करेगी. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक कुछ सेंटरों की लाइव वेबस्ट्रीमिंग की व्यवस्था भी की जाएगी.

सीबीएसई सेक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि कुछ सबजेक्ट्स के लिए इनक्रिप्टिड क्वेश्चन पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा. "हम ये क्वेश्चन पेपर को सेंटर भेजकर हार्ड कॉपी की जरूरत कम होगी. इस अटेंप्ट की सफलता के बाद हम इनक्रिप्टिज क्वेश्चन पेपर की संख्या बढ़ाएंगे."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इस साल जारी किए गए दिशा निर्देशों में बोर्ड परीक्षा के दौरान अनैतिक प्रैक्टिस से बचने के लिए माता-पिता और छात्रों को गाइड करने के लिए शिक्षकों के लिए एक सेक्शन शामिल है.

भारद्वाज ने कहा, “आज कल सोशल मीडिया के कारण छात्र कम ध्यान लगा पाते हैं, जिसके कारण उनमें से अधिकांश परीक्षा आते-आते चिढ़चिढ़े हो जाते हैं. इसे कंट्रोल करने और बेहतर टाइम मैनेजमेंट सिखाने के लिए एक समाधान खोजने की जरूरत है.”

इन सब के अलावा, बोर्ड ने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की नई पहल को भी अपनाया है, जो छात्रों को गूगल मैप्स पर उनके एग्जाम सेंटर का पता लगाने में मदद करेगा.

आईएएनएस के मुताबिक बोर्ड अलग-अलग रीजन में छात्रों को मिले मार्क्स पर स्टडी के लिए थ्योरी इवैल्यूएशन ट्रेंड एनालिसिस (TETRA) सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल करेगा, जो पिछले साल उनकी खुद की टीम ने लिखा था.

सॉफ्टवेयर केंद्रों में बनाए गए औसत अंकों के लाइव ट्रेंड को दिखाता है और क्वेश्चन पेपर में अस्पष्टता या कठिनाई के मामले में अनुचित डिग्री होने पर मार्क्स के मॉडरेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

(टाइम्स ऑफ इंडिया और आईएएनएस से इनपुट्स के साथ)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 20 Feb 2019,11:53 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT