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दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी बनाने का फैसला किया है. ये कमेटी उन नियुक्तियों की जांच करेगी, जो सस्पेंड किए गए वाइस-चांसलर प्रोफेसर योगेश त्यागी ने की थीं. इस बात की जानकारी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के एक सदस्य ने क्विंट को दी है.
सदस्य के मुताबिक, ये फैसला 29 अक्टूबर को हुई काउंसिल की एक बैठक में लिया गया. इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के त्यागी को सस्पेंड करने और मामले में मिनिस्टीरियल जांच पर चर्चा हुई थी.
28 अक्टूबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ऐलान किया कि दफ्तर से अनुपस्थित रहने के बाद भी नियुक्ति करने वाले वाइस चांसलर योगेश त्यागी को राष्ट्रपति ने सस्पेंड कर दिया है. त्यागी पर 'कर्तव्य का त्याग' करने का आरोप लगा है.
मंत्रालय के मुताबिक, महत्वपूर्ण नियुक्तियां करने की बजाय और जरूरी फैसलों में देरी करते हुए वीसी त्यागी अनधिकृत छुट्टियों पर चले गए थे और एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठकों में भी देरी की.
त्यागी ने 21 अक्टूबर को काउंसिल की बैठक के कुछ घंटे पहले ही पीसी झा को रजिस्ट्रार नियुक्त किया, जबकि वो ड्यूटी से अनुपस्थित रहे.
जब एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने इस फैसले को वापस लिया और विकास गुप्ता को रजिस्ट्रार नियुक्त किया, तो वीसी त्यागी ने डॉ गीता भट्ट को प्रो वाइस चांसलर नियुक्त कर दिया.
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